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Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के छठे दिन करें Maa Katyayani की अराधना, जानें पूजन विधि, मंत्र और महाउपाय

आज चैत्र नवरात्रि का छठा दिन है. देशभर में मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की आज पूजा की जाएगी. कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी की पूजा अद्भुत मानी जाती है. मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है.

Maa Katyayani (Photo Credit- Getty Images) Maa Katyayani (Photo Credit- Getty Images)

नवदुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था इसलिए इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं में अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है. इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. विवाह संबंधी मामलों के लिए मां कात्यायनी की पूजा अचूक होती है. योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है. वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है. अगर कुंडली में विवाह के योग क्षीण हों तो भी विवाह हो जाता है.

कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा ?

गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए. इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें . इनको शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है. मां को सुगन्धित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी. इसके बाद माँ के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें. इसके बाद मां को शहद का भोग लगाएं. इसको प्रसाद रूप में सबको बाँटे. इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी 

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शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां की उपासना 

गोधूलि वेला में पीले वस्त्र धारण करें. मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें. इसके बाद 3 गाँठ हल्दी की भी चढ़ाएं. माँ कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें. मन्त्र होगा "कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।". हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें. 

महाउपाय

अगर स्वास्थ्य की समस्याओं से परेशान हैं तो नवरात्रि में लगातार तीन रातों को देवी कवच का पाठ करें.
 

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