आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और इसका समापन 6 अप्रैल को होगा. इस बार नवरात्रि आठ दिनों की होगी, लेकिन इन आठ दिनों में नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी. हर स्वरूप की पूजा का एक विशेष महत्व है और हर दिन एक विशेष वरदान प्राप्त होता है. आइए जानते हैं नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा विधि और उनके विशेष वरदानों के बारे में.
नवदुर्गा के नौ स्वरूप
नवदुर्गा के नौ स्वरूपों में सबसे पहले माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है.
30 मार्च को माता शैलपुत्री की पूजा लाल फूलों और गाय के दूध के शुद्ध घी से की जाएगी। इससे अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
31 मार्च को माता ब्रह्मचारिणी की पूजा सफेद फूलों और शक्कर के भोग से की जाएगी, जिससे ज्ञान और वैराग्य का लाभ होता है. इसी दिन माता चंद्रघंटा की पूजा भी होगी, जिससे साहस और आत्मविश्वास की शक्ति मिलती है.
1 अप्रैल को माता कूष्मांडा की पूजा हरी वस्तुओं और मालपुए के भोग से की जाएगी, जिससे बुद्धि और वाणी की प्रखरता मिलती है.
2 अप्रैल को माता स्कंदमाता की पूजा पीले फूलों और केले के भोग से की जाएगी, जिससे संतान संबंधी समस्याओं का समाधान होता है.
3 अप्रैल को माता कात्यायनी की पूजा पीले फूलों और शहद के भोग से की जाएगी, जिससे शीघ्र विवाह का वरदान मिलता है.
4 अप्रैल को माता कालरात्रि की पूजा सुगंध और गुड़ के भोग से की जाएगी, जिससे रोगों और बाधाओं का नाश होता है.
5 अप्रैल को माता महागौरी की पूजा सफेद फूलों और नारियल के भोग से की जाएगी, जिससे मनचाहा विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है.
6 अप्रैल को माता सिद्धिदात्री की पूजा विभिन्न रंग के फूलों और काले तिल के भोग से की जाएगी, जिससे मुक्ति, मोक्ष और समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं.
मेष राशि के लोग लाल फूलों से देवी की पूजा करें और ओम दुं दुर्गाय नमः मंत्र का जप करें.
वृषभ राशि के लोग सफेद फूलों से पूजा करें और ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जप करें.
मिथुन राशि के लोग सुगंध से पूजा करें और ॐ श्रीं श्रीये नम: मंत्र का जप करें.
कर्क राशि के लोग सफेद फूलों से पूजा करें और ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे का जप करें.
सिंह राशि के लोग दोनों समय माता दुर्गा की आरती करें और ओम दुं दुर्गाय नमः मंत्र का जप करें.
कन्या राशि के लोग सुगंध से पूजा करें और ॐ श्रीं श्रीये नम: मंत्र का जप करें.
तुला राशि के लोग सफेद फूलों से पूजा करें और श्री सूक्तम का पाठ करें.
वृश्चिक राशि के लोग लाल फूलों से पूजा करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
धनु राशि के लोग पीले फूलों से पूजा करें और ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जप करें.
मकर राशि के लोग दो लौंग अर्पित करें और ओम क्रीम कालिकायै नमः मंत्र का जप करें.
कुंभ राशि के लोग दोनों समय माता दुर्गा की कपूर से आरती करें और ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जप करें.
मीन राशि के लोग पीले फूलों से पूजा करें और ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जप करें.
नवरात्रि की विशेष बातें
नवरात्रि में रात की पूजा ज्यादा फलदायी होती है, इसलिए रात में 11:00 बजे से 1:00 बजे के बीच में देवी की उपासना करें. रोज़ संध्या काल में कपूर से देवी की आरती करें और कपूर की अग्नि को पूरे घर में घुमाएं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा और तंत्र मंत्र से सुरक्षा मिलती है. मां दुर्गा की कृपा हम सब के ऊपर बनी रहे, इसी कामना के साथ.