साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण कुछ दिन बाद 19 नवंबर को लगने जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्रवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन लगेगा. नासा के अनुसार ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो कि 18 और 19 की मध्य रात्रि के आसपास होगा इसलिए इस चंद्रग्रहण में सूतक काल्य मान्य नहीं होगा. हालांकि हिंदू धर्म में इसे शुभ-अशुभ और राशि पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ जोड़कर देखा जाताा है. कई लोग ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करते हैं. इसके अलावा इस दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद रखें जाते हैं और ग्रहण समाप्त होने पर उनका शुद्धीकरण किया जाता है. ग्रहण के दौरान लोग शुभ कार्य करने से बचते हैं और इस दौरान दान-दक्षिणा देने की प्रथा है.
क्या करें दान?
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण के दिन सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना सबसे शुभ होता है. ऐसा करने से चंद्र दोष खत्म हो जाता है और धन की प्राप्ति होती है. चंद्र ग्रहण के काल में चावल,चीनी,सफेद मिठाई या चांदी दान करने का विधान है. इसके अलावा नौकरी या कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए चंद्र ग्रहण के बाद स्नान करके तिल या तिल से बने हुए समान का दान करना चाहिए.
किस राशि और नक्षत्र में लगेगा ग्रहण
ज्योतिषों के अनुसार इस चंद्र ग्रहण का वृषभ राशि के जातकों पर ज्यादा असर पड़ने की संभावना है. इस बार का चंद्र ग्रहण कृत्तिका नक्षत्र में लगेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृत्तिका नक्षत्र सूर्य का नक्षत्र है इसलिए इस नक्षत्र में जन्में लोगों पर चंद्र ग्रहण का असर देखने को मिलेगा.
चंद्र ग्रहण का समय और कहां देखने को मिलेगा
भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और शाम को 5 बजकर 33 मिनट पर खत्म होगा. ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 59 मिनट की है. चंद्रोदय के तुरंत बाद, ग्रहण के आंशिक चरण की समाप्ति अरुणाचल प्रदेश और असम के चरम पूर्वोत्तर भागों से दिखाई देगी.
इन राशियों पर पड़ेगा शुभ प्रभाव
यह चंद्र ग्रहण तुला, कुंभ और मीन राशि वालों पर शुभ प्रभाव डालेगा. इस दौरान आपको करियर में बड़ी सफलता हासिल हो सकती है. धन लाभ के साथ इन राशि वालों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है. साथ ही मान-सम्मान में वृद्धि के योग भी बनेंगे.