कार्तिक अमावस्या को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मंगलवार को लगेगा. यह ग्रहण मध्य दोपहर में 01.32 पर शुरू होगा लेकिन भारत में इसका दर्शन चंद्रोदय के साथ ही हो सकेगा. भारत में चंद्र ग्रहण का समय शाम 05.32 - शाम 06.18 बजे तक है. हालांकि देश के अलग-अलग हिस्सों में ग्रहण के समय को लेकर परिवर्तन हो सकता है. यह ग्रहण मेष राशि व भरणी नक्षत्र में लग रहा है और भारत के उत्तरी पूर्वी हिस्से कोलकत्ता, पटना, गुवाहाटी, अरुणाचल आदि में अच्छे से देखा जा सकेगा. पूर्ण चंद्रग्रहण लगभग एक घंटे तक नजर आएगा. चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सुबह 07:59 बजे से सूतक लग जाएगा. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोनों को भी अशुभ माना जाता है. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डाला जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं उन तीन कामों के बारे में जिसे आपको कल सुबह 8 बजे से पहले निपटा लेने हैं.
कोई भी शुभ काम या नया काम न करें
अगर आपके घर में भी मंगलवार यानी अमवस्या को कोई नया या शुभ काम होने वाला है तो उसे सुबह 8 बजे से पहले ही निपटा लें. क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है.
भगवान की मूर्ति को हाथ न लगाएं
ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए. ग्रहण काल में देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है. इसलिए अगर आप अपने घर में मंदिर में भगवान की पूजा कर रहे हैं तो इसे सुबह 8 बजे से पहले ही कर लें क्योंकि उसके बाद सूतक लग जाएगा जिसमें मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
खाने में डालें तुलसी के पत्ते
सूतक काल के दौरान खाने में तुलसी के पत्ते रखने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा चंद्र ग्रहण पर सूतक लगने के बाद कुछ भी खाना, पीना, पढ़ना, पढ़ाना, सोना आदि वर्जित है. खासकर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण समय में सोना नहीं चाहिए. मान्यता है कि सूतक काल में तेल लगाना भी वर्जित होता है. ग्रहण काल में स्नान, दान व भगवान के श्री नाम का जाप अनंत गुना अधिक फलदायी माना गया है. सूतक काल लगने के पूर्व व मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए.
कब लगता है चंद्रग्रहण
सूर्य की परिक्रमा के दौरान जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक सीध में आ जाते हैं तब चंद्रमा धरती की छाया से छिप जाता है. इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय रहता है. इस खगोलीय घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है. इसे किसी टेलीस्कोप से या खुली आंखों से देखा जा सकता है. शास्त्रों में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए ग्रहण के पहले सूतक लगने पर सभी तरह शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं.