चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है, जिसका अर्थ है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जिसमें पृथ्वी बीच में होती है. इस साल का चंद्र ग्रहण 8 नवंबर, मंगलवार को लग रहा है और इसका न केवल खगोल विज्ञान और ज्योतिष की दुनिया में एक बड़ा महत्व होगा, बल्कि पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा. खासकर कि गर्भवती महिलाओं पर
ग्रहण का महत्व
पारंपरिक मान्यता है कि सूर्य और चंद्रमा की स्थिति में कोई भी बदलाव गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है. यही कारण है कि कई संस्कृतियों, समुदायों और क्षेत्रों में, गर्भवती महिलाओं को अक्सर किसी भी खतरे से बचने के लिए इस दौरान कुछ सावधानियों का पालन करने के लिए कहा जाता है.
युगों से गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण (सूर्य और चंद्र दोनों) को बुरा माना जाता है. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे न केवल अपने स्वास्थ्य का बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे का भी विशेष ध्यान रखें. हालांकि दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन आम धारणा यह बताती है कि ग्रहण के दौरान महिलाओं को अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
गर्भवती महिलाएं क्या करें और क्या न करें
इस बात का कोई पुख्ता सबूत या वैज्ञानिक समर्थन नहीं है कि चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, आप में से जो अभी भी एहतियाती उपायों का पालन करना चाहते हैं, उनके लिए यहां क्या करें और क्या न करें की सूची दी गई है: