उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को लेकर भक्तों का उत्साह चरम पर है. भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. दो साल से कोरोना की पाबंदियां थी. लिहाजा इस साल भक्तों की संख्या में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान 20 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पवित्र धामों के दर्शन को आ चुके हैं. बदरीनाथ के कपाट आठ मई को खुले थे. कपाट खुलने के बाद से अभी तक करीब 7 लाख तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच चुके थे.
बदरीनाथ के दरबार में रिकॉर्ड दर्शन-
बदरी विशाल की चौखट पर लगा श्रद्धालुओं का ये हुजूम रिकॉर्ड बनाता जा रहा है. इस पूरे सीजन में श्रद्धालुओं ने रिकॉर्ड तोड़ अपनी हाजिरी यहां लगाई है. भक्तों की भीड़ ये बताने के लिए काफी है कि बदरी विशाल के दरबार में हर रोज सिर झुकाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है.
यहां देश भर से श्रद्धालुओं माथा टेकने पहुंच रहे हैं. जिसमें आम से लेकर खास तक शामिल हैं. आस्था के इस सैलाब में रिकॉर्ड का आलम ये है कि बदरीनाथ के दरबार में छह लाख 50 हजार से ज्यादा लोग अब तक पहुंच चुके हैं और ये संख्या अभी और बढ़ने के करीब है.
102 किलो का घंटा दान-
बद्रीनाथ धाम में लगने वाली भीड़ का आलम ये है कि लोगों को जाम का सामना भी करना पड़ रहा है. ऊपर से बारिश और ठंड लोगों के लिए चुनौती भी बन रही है. बावजूद इसके लोगों का उत्साह कमजोर नहीं पड़ा है. अब तक यहां सेना प्रमुख मनोज पाण्डेय भी दर्शन करने आ चुके हैं. उन्होंने मंदिर के मुख्य द्वार के लिए 102 किलो का घंटा दान किया था. दान में मिले घंटे के बाद मंदिर के पुराने घंटे को बदल दिया गया है. वैसे इस साल यात्रियों के बढ़ने की वजह भी है. क्योंकि बीते दो साल से कोरोना की वजह से यात्रा पर ब्रेक लगा हुआ था. यही वजह है कि दो साल बाद शुरू हुई यात्रा में पिछली यात्राओं को मुकाबले ज्यादा श्रद्धालु उमड़ रहे हैं.
कोरोना के बाद बढ़ा श्रद्धालुओं का आंकड़ा-
कोरोना से पहले 2017, 2018 और 2019 में एक महीने के भीतर 4 से 5 लाख यात्री ही यहां पहुंचते रहे हैं. जबकि इस साल ये छह लाख 50 हजार को पार कर गई है. माना जा रहा है कि इस साल श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए ये यात्रा ऐतिहासिक होने जा रही है. ऐसा नहीं है कि यात्रा या श्रद्धालु सिर्फ बदरी विशाल के दरबार पहुंच रहे हैं. बल्कि इसके आसपास के तीर्थ स्थलों पर भी आने वालों की संख्या बढ़ चुकी है. हेमकुंड साहिब में भी अब तक 60 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं.
कोरोना के चलते उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर लगे ग्रहण के हटते ही तस्वीर बदल चुकी है. श्रद्धा के इस संगम से जहां श्रद्धालुओं की झोली भर रही है. तो वहीं पर्यटन के चलते होने वाली कमाई से सरकारी खजाना भी भर रहा है.
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