उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है. इसको लेकर पूरी तैयारी की गई है. इस बार श्रद्धालुओं की सेहत का पूरा ख्याल रखने की तैयारी है. चारधाम यात्रा को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी बेहतर बनाया जा रहा है. एम्स ऋषिकेश की तरफ से तीर्थयात्रियों के लिए हाई एंबुलेंस की सुविधा शुरू की जा रही है. अगर यात्रा के दौरान किसी श्रद्धालु की तबीयत खराब हो जाती है तो टेलीमेडिसिन के जरिए बेहतर इलाज मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी.
टेलीमेडिसिन की दी गई ट्रेनिंग-
एम्स ऋषिकेश की तरफ से मेडिकल अफसरों को स्पेशनल ट्रेनिंग भी दी जा रही है. कार्यशाला में कई डॉक्टर और विशेषज्ञ भी शामिल हो रहे हैं. इस दौरान ऊंचाई पर होने वाली समस्याओं के बारे में अवगत कराया गया. अमूमन देखने को मिलता है कि जैसे ही यात्री हाई एल्टीट्यूड एरिया में पहुंचते हैं तो उनका स्वास्थ्य खराब होने लगता है. कई लोगों को हार्ट अटैक की समस्या भी आती है. ऐसे में टेलिमिडिसिन की मदद से उनका इलाज किया जा सकेगा.
क्या होती है टेलीमेडिसिन-
पहाड़ी इलाकों में मेडिकल सेवाएं फौरन उपलब्ध कराना संभव नहीं होता है. ऐसे में डॉक्टर वीडियो कॉल के जरिए चिकित्सकीय सलाह देते हैं. मरीजों को जरूरी दवाओं के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों के बारे में बताया जाता है. पहाड़ी इलाकों में कई तरह के जड़ी-बूटी मिलती है. वीडियो कॉल पर बीमारी से संबंधित उन जड़ी-बूटियों के बारे में बताया जाता है और उनके सेवन की सलाह दी जाती है.
पहाड़ी इलाकों में ऊंचाई पर क्या दिक्कत होती है-
चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को टेलीमेडिसिन के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. दरअसल ऊंचाई पर जाने के बाद लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं आने लगती है. चलिए आपको बताते हैं क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं.
क्या-क्या तैयारी करनी चाहिए-
अगर श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर निकलते हैं तो इससे पहले उनको कुछ जरूरी तैयारी करनी चाहिए, ताकि सफर में किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो. चलिए आपको बताते हैं क्या-क्या तैयारी रखनी चाहिए.
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