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Char Dham Yatra 2024: चारधाम जाने वालों के लिए अलर्ट! रील्स-वीडियो बनाने पर लगी पाबंदी, VIP दर्शन पर रोक, जानिए उत्तराखंड सरकार ने क्यों लिया ये अहम फैसला 

Uttarakhand: चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स और वीडियो बनाने पर पाबंदी लगाई गई है. इसके साथ ही VIP दर्शन पर लगी रोक को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है ताकि भक्तों को दर्शन करने में कोई असुविधा नहीं हो. क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से हो रही परेशानियों को देखते हुए धामी सरकार ने यह फैसला लिया है.

Kedarnath (Photo: PTI) Kedarnath (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • 31 मई तक नहीं कर सकते VIP दर्शन 

  • मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स और वीडियो बनाने पर रोक 

हिंदू धर्म में चारधाम (Char Dham) की यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि चारधाम की यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी कारण हिंदू धर्म से जुड़ा हर एक व्यक्ति चारधाम की यात्रा पर जाना चाहता है. इस साल चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. 12 मार्च को बदरीनाथ (Badrinath) के कपाट खोले गए थे.

10 मई को केदारनाथ ( Kedarnath), यमुनोत्री (Yamunotri) और गंगोत्री (Gangotri) के कपाट खोले गए थे. उत्तराखंड में इस बार चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. इन धामों में क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से हो रही परेशानियों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने तीन अहम फैसले लिए हैं. यदि आप भी चारधाम की यात्रा पर जाना चाह रहे तो इन फैसलों के बारे में आपको जाननी चाहिए.

इतने दिनों तक नहीं कर सकते वीआईपी दर्शन 
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी लगाई गई है. इसके साथ ही VIP दर्शन पर लगी रोक को भी 31 मई तक बढ़ा दिया गया है ताकि भक्तों को दर्शन करने में कोई असुविधा नहीं हो. पहले यह रोक 25 मई तक लगाई गई थी. केवल पंजीकृत भक्तों को उनकी निर्दिष्ट तिथियों पर दर्शन की अनुमति दी जाएगी.

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राज्य सरकार ने यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में लगाए गए काउंटर को भी तीन दिन तक बंद कर दिया है. यानी अब श्रद्धालु सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ही कर सकेंगे. ऋषिकेश और हरिद्वार में लगातार भारी भीड़ देखने को मिल रही थी. इस वजह से लोग बिना रजिस्ट्रेशन कराए डायरेक्ट दर्शन के लिए धामों में पहुंच रहे थे. इससे धामों में भीड़ को नियंत्रण करने में दिक्कत हो रही थी. इसलिए प्रसासन ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस महानिदेशक को चारों धामों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने के साथ यातायात और भीड़ प्रबंधन व्यवस्था का ग्राउंड पर जाकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चार धामों में क्षमता के अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजने के लिए कहा है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के दौरान मोबाइल फोन ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

आस्था को ठेस न पहुंचे
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि रील बना कर लोग गलत संदेश दे रहे हैं. ये एक तरह का जुर्म है. ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. यात्रा के लिए जाने वाले आस्था, श्रद्धा के साथ आते हैं, जो लोग रील बना रहे हैं, उससे साफ है कि वो श्रद्धा और आस्था से नहीं आ रहे हैं बल्कि सिर्फ घूमने और रील बनाने आ रहे हैं.

इनके कारण श्रद्धा से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए परेशानी खड़ी की जा रही है. किसी की भी आस्था को ठेस न पहुंचे, जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि चेक पोस्ट पर बहुत सख्त चेकिंग की जाएगी और जो भी यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के आएगा उनको यात्रा पर आगे नहीं जाने दिया जाएगा, क्योंकि अवव्यस्था को रोकना है और व्यवस्था को सुगम तथा सुरक्षित बनाना है.

अब तक इतने श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन 
केदारनाथ में गुरुवार को 28 हजार, बद्रीनाथ में 12,231, यमुनोत्री में 10,718 तो गंगोत्री में 12,236 लोगों ने दर्शन किए. अब तक चारों धामों में 3 लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं. 28 लाख से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो बिना रजिस्ट्रेशन के चारधाम की यात्रा या सिर्फ केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन के लिए रवाना हो चुके हैं. इसका परिणाम यह हुआ है कि चारधाम जाने वाले मार्गों पर भीषण जाम का लोगों को सामना करना पड़ रहा है.

पिछले साल पहले दिन यमुनोत्री में 6838 श्रद्धालु पहुंचे थे. इस बार संख्या 12193 रही. गंगोत्री में पिछले साल पहले दिन 4000 और इस साल 5203 पहुंचे. केदारनाथ में पिछले साल पहले दिन 18335 और इस साल 29030 भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचे. बदरीनाथ में पिछले साल पहले दिन 4507 के मुकाबले इस साल 22690 श्रद्धालु पहुंचे थे. भक्तों की अधिक संख्या के कारण प्रशासन को परेशानियां हो रही हैं.