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Chhath Puja 2022: कब है छठ पूजा? जानिए तिथि और व्रत का नियम

दिवाली के कुछ ही दिन बाद छठ पर्व की शुरुआत हो जाती है. भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक छठ का पर्व 4 दिनों तक चलता है. कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ दिया जाता है.

30 अक्टूबर को मनाया जाएगा छठ पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा छठ पर्व
हाइलाइट्स
  • 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा छठ पर्व

कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है. छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रुप से बिहार, झारखंड और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. नेपाल में भी छठी मैया के भक्त भी छठ पूजा व्रत रखते हैं. इस दौरान महिलाएं तीन दिनों तक उपवास करती हैं सूर्य भगवान की पूजा करती हैं. त्योहार का तीसरा दिन मुख्य छठ पूजा का दिन है.

28 अक्टूबर को नहाय खाय से होगी छठ पर्व की शुरुआत

इस बार छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाय खाय से हो रही है. इस दिन महिलाएं स्नान करके नई साड़ियां पहनकर भगवान सूर्य की पूजा करती हैं. इस दिन भोजन के दौरान कद्दू की सब्जी खायी जाती है.

वहीं दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. इस बार खरना 29 अक्टूबर को है. इस दिन सूर्यास्त के बाद गुड़, दूध वाली खीर और रोटी बनाई जाती है. खरना के दिन महिलाएं इसे सूर्य देव को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं. इसके बाद से महिलाओं का निर्जला उपवास 36 घंटे के लिए शुरू हो जाता है.

30 अक्टूबर को मनाया जाएगा छठ

पूरे देश में इस बार छठ 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पूजा का समापन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन सूर्योदय के बाद होता है. इस बार सप्तमी तिथि 31 अक्टूबर को है. इस दिन उगते सूर्य के अर्घ्य देते हुए व्रत का समापन किया जाता है.

कहा जाता है छठ की हर परंपरा में पवित्रता का जरूर ध्यान रखना चाहिए तभी व्रत का फल मिलता है.कहा जाता है छठ की हर परंपरा में पवित्रता का जरूर ध्यान रखना चाहिए तभी व्रत का फल मिलता है. नहाए खाए के दिन व्रती पूरी शुद्धता के घर की अच्छी तरह सफाई करें, क्योंकि हिंदू धर्म में इस पर्व में शुद्धता का विशेष महत्व है. साथ ही व्रतियों के भी पवित्र नदी या तालाब में स्नान का विधान है. ध्यान रहे खाना बनाते वक्त जुठी किसी भी तरह की वस्तु का इस्तेमाल न करें. यहां तक की जो भी घर में रहते हैं, उन्हें भी शुद्धता और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना होता है.