scorecardresearch

Chhath Puja 2022: नहाय खाय के साथ इस दिन से शुरू हो रहा छठ, 4 दिन के इस महापर्व के बारे में जानिए सबकुछ

आस्था के अनूठे पर्व छठ में सूर्य की पहली किरण और सायंकाल में अंतिम किरण को अर्घ्य देकर सूर्य को नमन किया जाता है. सनातन धर्म में छठ माता को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है.

छठ महापर्व छठ महापर्व
हाइलाइट्स
  • सनातन धर्म में छठ माता को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है.

  • संतानों की लंबी आयु के लिए भी यह पूजा की जाती है.

दिवाली बाद छठ महापर्व की शुरुआत हो जाती है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का हिस्सा बनने दूर-दूर से लग अपने घर जाते हैं. सूर्योपासना का यह पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है. छठ महापर्व में डूबते हुए सूरज की पूजा होती है. सनातन धर्म में छठ माता को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है. इस पूजा के लिए तैयारी दिवाली पूर्व से ही शुरू हो जाती है. छठ पूजा में निर्जला व्रत रखकर छठी मैय्या और भगवान सूर्य की पूजा करते हैं. किवंदतियों की मानें तो महाभारत काल में द्रौपदी छठ माता की पूजा किया करती थीं.

नहाय खाय
छठ की परंपरा के अनुसार नहाय-खाय के दिन से ही व्रती चार दिवसीय अनुष्ठान का आरंभ करते हैं. व्रती नहाने के बाद लौकी (कद्दु)-चने की दाल की सब्जी और रोटी खाकर खुद को व्रत के लिए शुद्ध करती हैं.

छठ पूजा का पहला दिन
नहाय-खाय 2022: 28 अक्टूबर, दिन शुक्रवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट पर
सूर्योस्त: शम 05 बजकर 39 मिनट पर

खरना
खरना के दिन चावल और गुड़ की खीर के साथ रोटी के प्रसाद को सूर्य को चढ़ाने के बाद ग्रहण कर छठ का निर्जला उपवास शुरू करती हैं.

खरना 2022: 29 अक्टूबर, दिन शनिवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्योस्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

संध्या अर्घ्य
तीसरे दिन इस निर्जला व्रत में शाम को अर्घ्य दिया जाता है. श्रद्धालु घाट पर जाने से पहले बांस की टोकरी में पूजा की सामग्री, मौसमी फल, ठेकुआ, कसर, गन्ना आदि सामान लेकर जाते हैं और छठी मैया की पूजा करते हैं. 

छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 2022: 30 अक्टूबर, रविवार
सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

बड़ी छठ
छठ का चौथा दिन यानी कि सप्तमी के दिन सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देकर विधि-विधान से पूजा संपन्‍न की जाती है. इसके बाद ही घाटों पर प्रसाद दिया जाता है. छठी मैया निसंतानों को संतान प्रदान करती हैं. संतानों की लंबी आयु के लिए भी यह पूजा की जाती है.

छठ पूजा का प्रात: अर्घ्य 2022: 31 अक्टूबर, सोमवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर