
दीपावली के एक दिन पहले का दिन यानि छोटी दिवाली सौन्दर्य प्राप्ति और आयु प्राप्ति का होता है. इस दिन आयु के देवता यमराज की उपासना की जाती है और सौन्दर्य प्राप्ति के प्रयोग किए जाते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की उपासना भी की जाती है क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था. कहीं कहीं पर ये भी माना जाता है की आज के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. इस दिन के प्रयोगों से आयु या सेहत की समस्या भी दूर होती है.
श्रीकृष्ण से भी है इस दिन का ताल्लुक
हालांकि, छोटी दिवाली ऐसा ही शुभ दिन है जब आपको जीवन की हर बाधा से मुक्ति दिलाने स्वयं भगवान श्री कृष्ण उपस्थित होते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर सृष्टि को उसके प्रकोप से बचाया था. श्रीकृष्ण ने सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध करके देवताओं और संतों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. इसी की खुशी में लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए और त्योहार मनाने की शुरुआत की. तभी से नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाने लगा. माना जाता है कि सत्यभामा को नारायणी स्वरूप मानकर लोग उनकी पूजा करने लगे थे.
किन बातों का रखें ख्याल
नरक चतुर्दशी को काली चौदस, नरक चौदस, रूप चौदस, छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना जरूरी है-
-घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का बड़ा सा एकमुखी दीपक जलाएं.
-इस दिन के पहले ही घर की साफ़ सफाई खत्म कर लें.
-इस दिन कम से कम हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें.
-नरक चतुर्दशी के दिन खाने में प्याज-लहसुन से परहेज करें.
बजरंगबली से भी है दिव्य तिथि का संबंध
नरक चतुर्दशी पर कर्ज मुक्ति के महाप्रयोग बजरंगबली की उपासना के साथ जुड़े हैं. छोटी दीपावली महावीर हनुमान की कृपा पाने का भी मौका है. माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म भी इसी तिथि पर हुआ था. कहते हैं जिस पर महावीर की कृपा हुई. उसे सारे कर्जों से मुक्ति मिल सकती है. अगर विशेष उपायों की बात करें तो इस दिन कर्ज की बड़ी से बड़ी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है.
अगर आप पर कर्जों का बोझ बढ़ गया हो और चाहकर भी आप इससे मुक्त नहीं हो पा रहे हों तो बस नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी का नाम लेकर आप इस उपाय को कर सकते हैं-
-रात में हनुमान जी के सामने घी का नौमुखी दीपक जलाएं.
-फिर हनुमान जी को अपनी उम्र के बराबर लड्डुओं का भोग लगाएं.
-हनुमान जी के सामने बैठकर 9 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें.
-अगली सुबह सारा प्रसाद बच्चों में बांटें या गाय को खिला दें.