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Christmas Eve 2021: क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर अभी से दिख रहा ओमिक्रॉन का असर

Christmas Day: बाकी देश की बात करें तो वहां भी कहीं ना कहीं ओमिक्रॉन का असर दिखने वाला है. जैसे अर्जेंटीना के लोग क्रिसमस की शाम को पेपर की लालटेन जलाकर आसमान में उड़ाते हैं, इंग्लैंड में किसी शरारती बच्चे को स्टॉकिंग्स में मिठाई की जगह कोयले गिफ्ट के रूप में दिए जाते हैं, ऐसे ही अलग अलग देशों के अलग अलग परंपराएं हैं, जिसपर कहीं ना कहीं ओमिक्रॉन का उल्टा असर पड़ेगा.

क्रिसमस पर दिख रहा ओमिक्रॉन का असर क्रिसमस पर दिख रहा ओमिक्रॉन का असर

क्रिसमस बेहद खास त्योहार है. दुनिया की आधी आबादी 25 दिसंबर के दिन ईसा मसीह की पैदाइश का जश्न मनाती है. इंग्लैंड में तो इस त्योहार की खास रौनक रहती है.  हमारे देश में भी ये दिवाली और ईद से कुछ कम नहीं लगता. दुनियाभर के अलग-अलग देशों में क्रिसमस अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. क्रिसमस को लेकर हर देश की अपनी परंपरा होती है. अर्जेंटीना  में क्रिसमस की शाम पेपर की लालटेन जलाकर आसमान में उड़ाना हो या इंग्लैंड में क्रिसमस के दिन किसी शरारती बच्चे को स्टॉकिंग्स में मिठाई की जगह कोयले गिफ्ट कर देना हो , सबकुछ अपने आप  में खास है, लेकिन इस बार ओमिक्रॉन की वजह से कहीं ना कहीं इन सब पंरपराओं  का रंग फीका रहने वाला है, क्योंकि क्रिसमस पर्व पर कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा. 

दिखने लगा क्रिसमस पर्व का उत्साह

क्रिसमस पर्व के लिए जगमगाने लगे शहर के गिरजाघर शहर में क्रिसमस का उत्साह दिखने लगा है. अब इस पर्व को लेकर सिर्फ एक दिन ही बचा है, जिसकी तैयारियां जोर-सोर से चल रही है.  राजधानी के गिरजाघर आकर्षक रोशनी से जगमगाने लगे हैं.  वहीं समाज के लोग घर-घर जाकर व अनाथ आश्रम वृद्धाश्रम में पहुंचकर गरीबों की मदद कर रहे हैं. जगह-जगह लोग सांताक्लाज की ड्रेस पहनकर बच्चों को टाफियां और खिलौने बांट रहे हैं.  बाजारों में भी कई तरह के उपहार हो गए हैं. लाइटिंग, खिलौने, क्रिसमस ट्री आदि की खरीदारी बढ़ गई है. साथ ही विशेष प्रार्थनाएं की जा रही हैं

दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सभी तरह के बड़े कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है.  होटल-रेस्टोरेंट और पब बार में सिटिग को आधा कर दिया गया है.  50 फीसद क्षमता में ही गेस्ट आ सकते हैं. यूटी प्रशासन भी क्रिसमस और न्यू ईयर ईव पर ऐसे आदेश जारी कर सकता है.  बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ भी इन सभी जगहों पर 50 फीसद क्षमता के साथ ही सेलिब्रेशन की मंजूरी देने की सोच रहा है. वीरवार को प्रशासन के आला अधिकारियों की अहम बैठक के बाद इस संबंध में आदेश जारी हो सकते हैं. 

चंडीगढ़ में होता है जमकर सेलिब्रेशन

चंडीगढ़ में क्रिसमस और न्यू ईयर ईवा पर बड़े आयोजन होते हैं. सभी होटल-रेस्टोरेंट, पब, बार, डिस्को और क्लब में सेलिब्रेशन होता है. लोग जमकर मस्ती करते हैं. सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं आस-पास के राज्यों से भी लोग इन आयोजनों में पहुंचते हैं. स्टार नाइट का आयोजन होता है, लेकिन दो साल से कोरोना की वजह से यह कार्यक्रम नहीं हो रहे. पिछले साल भी कोरोना की वजह से इन कार्यक्रमों को मंजूरी नहीं दी गई थी.  इस साल भी ऐसे सेलिब्रेशन पर पानी फिरते दिख रहा है. 

 क्रिसमस-न्यू ईयर ईव कार्यक्रमों को नहीं दी मंजूरी

अभी तक प्रशासन ने ऐसे कार्यक्रमों की मंजूरी नहीं दी है. कई होटल और रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि जब तक डीसी ऑफिस की तरफ से उन्हें मंजूरी नहीं मिलेगी वह कोई कार्यक्रम नहीं रखेंगे.  हालांकि पहले ही काफी देरी हो चुकी है. ऐसे आयोजनों में लोगों को लुभाने के लिए पहले ही स्टार नाइट और दूसरे कार्यक्रमों की टिकट बिक्री शुरू हो जाती है.  आयोजन दिवस तक तो सभी जगह हाउसफुल जैसी स्थिति रहती है. 

ओमिक्रोन की दस्तक

चंडीगढ़ में पहले ही ओमिक्रोन वैरियंट दस्तक दे चुका है.  पिछले एक सप्ताह में तीन मौत भी कोरोना से हो चुकी हैं.  कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए संभावना यही लग रही है कि नए साल की शुरुआत पाबंदियों के साथ होगी. विशेषज्ञ फरवरी में तीसरी लहर की संभावना पहले ही जता रहे हैं. 

बाकी देश की बात करें तो वहां भी कहीं ना कहीं ओमिक्रॉन का असर दिखने वाला है. जैसे अर्जेंटीना के लोग क्रिसमस की शाम को पेपर की लालटेन जलाकर आसमान में उड़ाते हैं,  इंग्लैंड में  किसी शरारती बच्चे को स्टॉकिंग्स में मिठाई की जगह कोयले गिफ्ट के रूप में दिए जाते हैं, ऐसे ही अलग अलग देशों के अलग अलग परंपराएं हैं, जिसपर कहीं ना कहीं ओमिक्रॉन का उल्टा असर पड़ेगा .