अयोध्या के श्रीराम मंदिर का विशाल चबूतरा, चबूतरे पर गर्भगृह की शिलाएं, मंदिर आंदोलन से जुड़े 100 से ज्यादा संतों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सबकी मौजूदगी में पवित्र मंत्रों की गूंज के बीच मंदिर के गर्भगृह का शिलान्यास किया गया. इसके साथ ही 1 जून की तारीख, हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. लोगों को इस दिन, इस पल, का इंतजार 500 सालों से था, जब मंदिर बनाने के लिए आंदोलन की मशाल जली थी.
कब क्या हुआ-
गर्भगृह के शिलान्यास का मतलब है, अब मंदिर की दीवारें, छतें और तल बनाने का काम शुरू हो जाएगा. यानी अब से रामभक्तों के सपनों का मंदिर साफ तौर पर आकार लेता नजर आएगा. लोग अपनी आंखों से अपने आराध्य के धाम को बनते देखेंगे. मंदिर बनाने का काम सही रफ्तार से चल रहा है, जिस हिस्से को तैयार करने के लिए जो तारीख तय की गई थी. ठीक उसी समय पर काम पूरा होता जा रहा है.
तीर्थ क्षेत्र में क्या-क्या होगा-
दक्षिण भारत के भवन कलाकारों ने तीन साल में इस मंदिर को तैयार किया है. मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी के साथ भगवान विष्णु, हनुमानजी की प्रतिमाओं की स्थापना की जा रही है. अयोध्या में मुख्य राम मंदिर के अलावा और भी कई धार्मिक स्थल और भवन तैयार किए जा रहे हैं, जो पूरे इलाके को एक तीर्थ क्षेत्र का रूप देंगे.
इन सब के निर्माण का काम गर्भगृह के शिलान्यास के बाद तेजी से आगे बढ़ेगा. अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. लोग दिल खोलकर दान कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अभी तक 3350 करोड़ रू से ज्यादा की राशि जमा हो चुकी है. अब तो इंतजार है 2023 का, जब ये गर्भगृह आम भक्तों के लिए तैयार खड़ा मिलेगा.
कैसा होगा मंदिर का गर्भगृह-
गर्भगृह किसी मंदिर का सबसे अहम और सबसे पवित्र हिस्सा होता है. जिसमें मुख्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. मान्यता के मुताबिक जिस जगह पर गर्भगृह होता है, वहां स्वंय देवता का वास होता है. इसलिए गर्भगृह की पूजा को बहुत अहम माना जाता है. सैकड़ों की संख्या में लोग वहां पूजा करने लिए जाते हैं. ऐसे में जब बात अयोध्या के श्रीराम मंदिर की होती है तो सभी ये जानना चाहते हैं कि इस मंदिर का गर्भगृह कैसा होगा.
गर्भगृह के हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मंदिर कितना भव्य बनने वाला है. मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 168 फीट ऊंचा होगा. एक बार पूरा होने के बाद अयोध्या के श्रीराम मंदिर की गिनती दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में होगी. अहम चरणों में बांटा गया है, पहले चरण का काम समय पर खत्म हो गया है. उम्मीद यही है कि दूसरे और तीसरा चरण समय पर समाप्त हो जाएगा. फिर श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीराम का एक भव्य मंदिर होगा.
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