हर दिशा में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंग भारत को एक आध्यात्मिक डोर में बांधते हैं. इन्हीं में से एक है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, जो महाराष्ट्र में स्थित है. पुणे के सह्याद्री इलाके में स्थित भीमाशंकर मंदिर का वर्णन शिवपुराण में मिलता है..इसके अलावा भगवान शंकर के भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का संबंध त्रेता युग के रामायण काल से भी मिलता है. पौराणिक कथा कहती है कि रावण के भाई कुंभकर्ण की पत्नी कर्कटी के गर्भ से भीमा नामक एक राक्षस का जन्म हुआ. उसने भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त कर देवताओं को सताना शुरु कर दिया. जिसके बाद पीड़ित देवता भगवान शिव की शरण में पहुंचे. तब भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और भीमा का वध कर दिया. इसके बाद यह ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के नाम से प्रसिद्ध हुआ.
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की मान्यता
मान्यताओं के मुताबिक पुणे में भीम नाम के राक्षस को खत्म करने के बाद भगवान शंकर यहां मोटेश्वर महादेव के तौर पर विराजमान हुए. इस मंदिर को लेकर पुरुषों में ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सूर्य की पहली किरण के साथ इस मंदिर के दर्शन करता है और 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में इस ज्योतिर्लिंग का नाम लेने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं
भगवान शिव का ये ज्योतिर्लिंग पुणे से 120 किलोमीटर दूरी पर घने जंगलों में बना है. मान्यता है कि भीमाशंकर मंदिर 1200 साल पुराना है. भीमाशंकर मंदिर के शिखर का निर्माण कई प्रकार के पत्थरों से किया गया है. पुरातत्त्वविद् मानते हैं कि ये मंदिर नागर शैली में बनाया गया है. नागर शैली उत्तर भारतीय हिन्दू स्थापत्य कला की तीन में से एक शैली है. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग काफी बड़ा और मोटा है, जिसके कारण इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. महाराष्ट्र का भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की मान्यता है कि यहां की गई पूजा और अभिषेक कभी निष्फल नहीं जाता. इस दरबार से कभी कोई शिव भक्त निराश नहीं लौटता. क्योंकि यहां अपने भक्त की रक्षा के लिए खुद महादेव प्रकट हुए थे.
छठे ज्योतिर्लिंग को लेकर क्या है विवाद?
लेकिन इस भव्य भगवान शंकर के इस छठे ज्योतिर्लिंग को लेकर विवाद शुरू हो गया है. जिसके पीछे असम सरकार का ये विज्ञापन है. जिसमें छठे ज्योतिर्लिंग के असम में होने का दावा किया गया है. असम सरकार का दावा है कि छठा ज्योतिर्लिंग असम के कामरूप में दाकिनी हिल्स पर है. लेकिन जाहिर है ये दावा महाराष्ट्र को मंजूर नहीं.
ज्योतिर्लिंग क्या है?
ऐसा माना जाता है कि जहां- जहां महादेव स्वयं प्रकट हुए वहां दिव्य ज्योतिर्लिंग बना है. भगवान शिव की पूजा सबसे ज्यादा उनके लिंग स्वरूप में होती है. ऐसा माना जाता है कि इस लिंग रूप में भगवान ज्योति के रूप में विद्यमान रहते हैं, जिसे ज्योतिर्लिंग कहते हैं. पुराणों में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग बताए गए हैं.
कहां कहां है ज्योतिर्लिंग ?