दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर उत्तराखंड में बवाल मचा है. केदारनाथ धाम के पुजारी गुस्से में हैं. वे धरने पर बैठे गए. तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. पुरोहितों का प्रदर्शन पिछले कई दिनों से चल रहा है. उधर, ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को गलत बताया है.
भड़के केदारनाथ धाम के पुजारी-
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का प्रतिकात्मक मंदिर बनने और भगवान केदारनाथ के नाम से ट्रस्ट चलाने को लेकर केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज गुस्से में है. पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि केदारनाथ के नाम से ट्रस्ट चलाना पूरी तरह से गलत है. पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि अगर उत्तराखंड की धामी सरकार ने कोई कड़ा फैसला नहीं लिया तो आंदोलन और तेज होगा.
क्या है दिल्ली से कनेक्शन-
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में पुरोहितों के प्रदर्शन का कनेक्शन दिल्ली से है. दरअसल दिल्ली में केदारनाथ की तर्ज पर मंदिर का निर्माण हो रहा है. यह मंदिर बुराड़ी के हिरंकी में बन रहा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूमि-पूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया. इस दौरान केदारनाथ से लाए गए एक पत्थर का पूजन किया गया और प्रचारित किया गया कि जो लोग रूद्रप्रयाग में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए नहीं जा सकते, उनके लिए बुराड़ी में भगवान के दर्शन हो सकेंगे. इसी को लेकर विरोध हो रहा है. केदारनाथ धाम के पुरोहितों का कहना है कि ये प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं बन सकता है.
क्या है विवाद की वजह-
बुराड़ी में मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने एक अजीब बयान दिया. उन्होंने कहा कि जो बुजुर्ग हैं, केदारनाथ धाम नहीं जा पाते हैं, वो दिल्ली में बाबा के दर्शन कर सकते हैं. इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया. केदारनाथ धाम में इसका विरोध शुरू हो गया. इस विरोध को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का भी समर्थन मिला है. उनका कहना है कि जिस धाम को जगदगुरु आदिशंकराचार्य ने बनाया, उसके जैसा आप कहीं और कैसे बना सकते हैं.
क्या कहती है उत्तराखंड सरकार-
इस विवाद के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रतीकात्मक रूप से कई जगहों पर मंदिर का निर्माण हुआ है, लेकिन वो धाम की जगह नहीं ले सकते हैं. बाबा केदार का धाम उत्तराखंड में है और ये दूसरी जगह नहीं हो सकता है. उधर, श्रीकेदारनाथ धाम ट्र्स्ट बुराड़ी ने भी इसपर सफाई दी है. उनका कहना है कि दिल्ली में केदारनाथ धाम का नहीं, केदारनाथ मंदिर का निर्माण हो रहा है. इसका उत्तराखंड सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.
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