scorecardresearch

Dev Deepawali 2022 Shubh Muhurt: देव दीपावली की पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त, पूजा में शामिल करें ये चीजें

Dev Deepawali 2022: देव दीपावली का दिन बहुत ही शुभ होता है. इस दिन गंगा स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही हम देव दीपावली मनाते हैं.

Dev Deepawali 2022 Dev Deepawali 2022
हाइलाइट्स
  • देव दीपावली और दीपावली, ये दो अलग त्योहार हैं

  • राक्षस त्रिपुरासुर के अंत का प्रतीक है देव दीपावली

हिन्दू धर्म में देव दीपावली त्योहार का खास महत्व है. खासकर कि महदेव के उपासक इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करके भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं. आपको बता दें कि देव दीपावली और दीपावली, ये दो अलग त्योहार हैं. दीपावली भगवान राम के अयोध्या लौटने का प्रतीक है तो वहीं देव दीपावली शिवजी द्वारा राक्षस त्रिपुरासुर के अंत का. 

दीपावली के बाद देव दीपावली मनायी जाती है. खासकर वाराणसी यानी की काशी से इसका गहरा रिश्ता है. भगवान शिव की नगरी क इस दिन दीयों से सजाया जाता है और मां गंगा का हर एक घाट जगमगाता है. कहते हैं कि त्रिपुरासुर के अंत के बाद, देवताओं ने यहां आकर दीप जलाए थे और शिवजी की आराधना की थी. तब से ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की परंपरा शुरू हुई. 

कब है कार्तिक पूर्णिमा तिथि 

  • कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू -7 नवंबर 2022 को शाम 4 बजकर 15
  • कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त  - 8 नवंबर 2022 को शाम 4 बजकर 31

देव दीपावाली (7 नवंबर 2022) के दिन पूजा का मुहूर्त शाम को 5:14 बजे से लेकर  07:49 बजे तक है. इस दिन पूजा का समय 02 घंटे 35 मिनट का है. 

देव दीपावली की पूजा में शामिल करें ये सामग्री:
सबसे पहले आप मंदिर को साफ करके एक चौकी बिछा लें. इस पर भगवान गणेश व शिवजी की मूर्ति स्थापित करें. अब पूजा के लिए आपको धूप, पंचामृत, मिट्‌टी के 11 दीपक, जनेऊ, मौली, बेलपत्र, दूर्वा घास, तुलसी, इत्र, फल, फूल, मिठाई, हल्दी, कुमकुम, चंदन, गंगाजल, कपूर, पीतल का दीपक, कलश, अष्टगंध, दीप जलाने के लिए तेल, ताम्बूल - नारियल, पान, सुपारी, केला आदि की जरूरत होगी. 

आपको बता दें कि इस दिन गंगा स्नान का महत्व बताया गया है. लेकिन अगर आपके लिए गंगा जाना संभव न हो तो आप घर में ही पानी में जरा-सा गंगाजल मिलाकर नहा लें.