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धनतेरस के दिन इस मुहूर्त में करेंगे पूजा तो बनेंगे सभी काम, मां लक्ष्मी बरसाती रहेंगी अपनी कृपा

धनतेरस के शुभ पर्व पर भगवान धनवंतरि के साथ साथ माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान कुबेर और यमराज की पूजा का विधान बताया गया है. धनतेरस  की रात ही भगवान यमराज को दीपदान करने की परंपरा भी निभाई जाती है जिससे काल से रक्षा का वरदान मिलता है.

धनतेरस 2022 धनतेरस 2022
हाइलाइट्स
  • धनतेरस का पर्व भगवान धन्वंतरि के साथ जुड़ा है.

  • धनतेरस के दिन सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदने की परंपरा है.

धनतेरस मतलब लक्ष्मी को खुश करने का दिन, दिवाली से पहले इस दिन का इंतजार सभी को रहता है. कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन से त्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरि अमृत का कलश लेकर निकले थे इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा बताई गई हैं. सेहत और आरोग्य के लिए इस दिन धन्वंतरी की उपासना होती है. ये दिन कुबेर का दिन भी माना जाता है. धन और संपन्नता के लिए इस दिन कुबेर की भी पूजा होती है.

धनतेरस के दिन सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन सोने, चांदी, तांबे, पीतल के ही बर्तन खरीदना सबसे शुभ होता है. माना जाता है कि धनतेरस के दिन आप जितनी खरीदारी करते हैं. उसमें कईं गुणा वृद्धि हो जाती है.

धनतेरस का शुभ मुहूर्त

इस बार त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर सायं 06.02 से शुरू होगी. सारी खरीदारी इस समय के बाद करें तो उत्तम होगा. खरीदारी का सबसे उत्तम समय होगा, सायं 06.00 से 07.30 तक.  प्रातः 09.00 से 10.30 के बीच पूजन और खरीदारी न करें.

धनतेरस पर क्या खरीदें

  • धातु से बना कोई पानी का बर्तन खरीदें.

  • गणेश और लक्ष्मी की अलग-अलग मूर्तियां खरीदें.

  • खील-बताशे, मिट्टी के दीपक ज़रूर खरीदें.

  • अंकों का बना हुआ धन का कोई यन्त्र भी खरीदें.

  • इसकी पूजा धनतेरस के दिन करें.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो धनतेरस के दिन किसी अस्पताल में दवाइयां और फल बांटने से या किसी गरीब का इलाज करवाने से धन्वंतरी की विशेष कृपा होती है.