दिवाली हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक है. पांच दिन के इस दीपोत्सव पर्व में मां लक्ष्मी, कुबेर देव, भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस साल दिपावली 24 अक्टूबर को पड़ रही है. कार्तिक मास की अमावस्या की रात को दिपावली पूजन किया जाता है. दिवाली पर साफ-सफाई, सजावट, रंगोली बनाना, नए कपड़े पहनना, रंग-बिरंगी लाइटिंग करना जैसी कई परंपराएं हैं. पूजा करते समय कुछ खास चीजें होती हैं जिन्हें जरूर शामिल करना चाहिए. इनके बिना मां की पूजा अधूरी होती है. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल देती हैं.
क्यों चढ़ता है खील-बताशा?
खील यानी धान मूल रूप से धान का ही एक रूप है. खील चावल से बनती है और चावल उत्तर भारत का प्रमुख अन्न भी माना जाता है. दिवाली के समय धान की पहली फसल आने का समय होता है. इसलिए पहली फसल मां लक्ष्मी को चढ़ाने से वे प्रसन्न होकर घर को धन-धान्य से भर देती हैं. इसके अलावा बताशे शुक्र को मजबूत करते हैं. ज्योतिष के अनुसार सफेद बताशों का संबंध शुक्र ग्रह से है, जो धन और समृद्धि देने वाले ग्रह हैं.
दक्षिणावर्ती शंख
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा में शंख का विशेष महत्व होता है. बिना शंख के माता लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा में दक्षिणवर्ती शंख की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है.
श्रीयंत्र
मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना श्रीयंत्र के बिना अधूरी होती है। इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा में श्रीयंत्र को जरूर शामिल करें.
लक्ष्मी जी के चरण
शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी धन-दौलत और ऐश्वर्य प्रदान करने वाली देवी हैं. अगर मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाए तो व्यक्ति धनवान और समृद्धिशाली हो जाता है और उसके जीवन से धन की कोई कमी हमेशा नहीं होती है. मां लक्ष्मी की पूजा में उनके चरण चिन्ह की पूजा होती है.
खीर का भोग
दिवाली पर मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाया जाता है. खीर मां लक्ष्मी को बहुत प्रिय है.
कमल का फूल
माता लक्ष्मी हमेशा कमल के फूल पर विराजमान होती हैं और उन्हें कमल का फूल बहुत ही प्रिय होता है. इसलिए दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में कमल के फूल को जरूर शामिल करना चाहिए.
ये चीजें भी हैं जरूरी
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए चांदी की थाली अति शुभ होती है. चांदी ना हो तो स्टील की साफ थाली में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के वस्त्र रखें. फिर मां लक्ष्मी के लिए श्रृंगार का सामान और भगवान गणेश के लिए जनेऊ रखें. इसके अलावा माता को लाल और सफेद फूल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, जौ, धनिया और पांच तरह के फल और मेवे जूरूर चढ़ाएं.