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Dol Gyaras 2023: देवास में हर साल डोल ग्यारस पर तैराई जाती है भगवान नरसिंह की मूर्ति, जानें इसके पीछे की वजह 

हाटपीपल्या में करीब डेढ़ सौ सालों से भगवान नरसिंह  की साढ़े सात किलो वजनी पत्थर की पाषाण प्रतिमा नदी में तैराई जाने की परंपरा है. प्रतिमा के तैरने से अंदाजा लगाया जाता है कि अगला साल कैसा जाएगा. कई सालों से प्रतिमा का तैरना चमत्कार माना जाता है, और यहां के लोगों में इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह रहता है.

भगवान नरसिंह भगवान नरसिंह
हाइलाइट्स
  • वर्षभर रहेगी क्षेत्र में खुशहाली-समृद्धि

  • पिछले वर्ष दो बार तैरी थी पाषाण प्रतिमा

देवास जिले के हाटपिपलिया में भगवान नरसिंह का प्राचीन मंदिर है. जिसमें साढ़े सात किलो वजनी ठोस चमत्कारी पाषाण प्रतिमा विराजमान है. भगवान नरसिंह मंदिर से प्रतिमा को प्रतिवर्ष डोल ग्यारस पर बड़ी ही धूमधाम से मंदिर से एक जुलूस के रूप में पूरे नगर में अखाड़ा-जुलूस के साथ भ्रमण करवा कर नरसिंह  घाट ले जाया जाता है.

तीन बार पानी में तैराया जाता है 

डोल ग्यारस पर्व पर हर साल भमोरी नदी में हजारों लोगों की मौजूदगी में इस पाषाण प्रतिमा को पूजा-अर्चना कर पूरे सम्मान के साथ नदी में तैराया जाता है. भगवान नरसिंह की पाषाण प्रतिमा को भमोरी नदी में मंदिर के पुजारी के द्वारा तीन बार पानी में तैराया जाता है. लोगों की आस्था व यह मान्यता है कि मूर्ति अगर एक बार तैरी और दो बार डूब गई तो वर्ष के 12 महीने में से सिर्फ चार महीने ही अच्छे निकलेंगे. दो बार तैरी और एक बार डूबी तो समझो आठ माह अच्छे एवं चार माह खराब जाएंगे. अगर तीनों ही मर्तबा तैरी तो वर्षभर पूरे क्षेत्र में खुशहाली , समृद्धि रहेगी, क्षेत्र में अच्छी फसल आएगी. और अगर तीनों ही बार डूब गई तो सूखे, प्राकृतिक आपदा के हालात बनेंगे.

इस बार कैसा रहा?

खास बात यह है कि इस वर्ष प्रतिमा तीनों ही मर्तबा पानी में तैरती रही. पंडित गोपालदास वैष्णव ने ऐसा तीन बार किया. हर बार प्रतिमा तैरती रही. इस दौरान घाट पर मौजूद हजारों लोगों ने भगवान नरसिंह  के जयकारे लगाए. श्रद्धालु खुशी से झूम उठे. क्योंकि क्षेत्र के लिए पूरा साल खुशहाली भरा रहने वाला है.

हाटपिपलिया विधायक मनोज चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भगवान नरसिंह  का आशीर्वाद क्षेत्र के सभी लोगों पर बना हुआ है. प्रतिमा तीन बार तैरी है, भगवान के आशीर्वाद से यह पूरा वर्ष अच्छा जाएगा. 

डोल ग्यारस पर होता है आयोजन 

हर साल यह आयोजन डोल ग्यारस के मौके पर होता रहा है. लेकिन, पंडितों ने मुहूर्त देखने के बाद मंगलवार आयोजन करने की सलाह दी थी. इसके चलते कलेक्टर ने सोमवार के स्थानीय अवकाश की जगह अगले दिन यानी मंगलवार को छुट्टी घोषित की थी. मंगलवार दोपहर में मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद आरती हुई. भमोरी नदी घाट से लेकर मंदिर तक कालीन बिछाई गई. जिस पर भगवान नरसिंह  का ढोल-ढमाके के साथ चल समारोह निकाला गया. चल समारोह में पुलिस बैंड भी शामिल था. आयोजन को लेकर पहले से ही विशेष तैयारी की गई थी. इस मौके पर विधायक मनोज चौधरी, नगर परिषद अध्यक्ष चंद्रकांता राठौर सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे.

आपको बता दें कि नपाध्यक्ष और पार्षदों ने विधायक मनोज चौधरी के साथ गृह मंत्री  डॉ. नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर भगवान नरसिंह को राजकीय सम्मान देने की मांग की थी. इसके बाद गृहमंत्री ने उज्जैन आईजी और देवास एसपी को निर्देश दिए थे. विधायक मनोज चौधरी एवं नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अरुण राठौर के प्रयास से पहली बार पाषाण प्रतिमा के चल समारोह  में पुलिस बैंड शामिल हुआ. साथ ही पाषाण प्रतिमा को डोल में विराजित करने के बाद तथा नरसिंह  घाट पर पाषाण प्रतिमा के तैराए जाने के पूर्व भगवान नरसिंह  को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

(शकील खान की रिपोर्ट)

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