scorecardresearch

Solar Eclipse 2022: दिवाली के बाद लगने वाला है सूर्यग्रहण, उस दिन रखें इन बातों का खास ख्याल

जानकारों की मानें तो इस सूर्यग्रहण की शुरूआत आइसलैंड के आसपास होगी, अपने मध्य काल में शाम साढ़े चार बजे इसे पूर्ण रूप में रूस के आकाश में देखा जा सकेगा. सूर्यग्रहण अरब सागर के ऊपर समाप्त हो जाएगा.

सूर्यग्रहण सूर्यग्रहण
हाइलाइट्स
  • खाने-पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डालें

  • गर्भवती महिलाएं न निकले बाहर

एक बार फिर देश और दुनिया के लोग आसमान में होनेवाली अनोखी खगोलीय घटना के गवाह बनेंगे. जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाएगा और कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी को ढक लेगा. इसके साथ ही 2022 में दूसरी बार सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. साल का यह आखिरी सूर्यग्रहण दीपावली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है.

भारत में नहीं दिखेगा सुर्य ग्रहण
जानकारों के मुताबिक, यह आंशिक सूर्यग्रहण होगा यानी खंडग्रास ग्रहण. जो भारत में पूरी तरह से नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि देश के अलग-अलग हिस्सों में तब सूर्यास्त का वक्त होगा, लेकिन देश में चंद्रमा के छाया क्षेत्र में पड़ने वाले इलाकों में इसे कुछ हद तक जरूर देखा जा सकेगा. यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और उत्तर-पूर्वी शहरों आइजोल, डिब्रूगढ़, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा, सिबसागर, सिलचर, तामेलोंग आदि सहित देश के कुछ पूर्वी हिस्सों से व्यवहार्य नहीं होगा.

ग्रहण किए गए सूर्य को नग्न आंखों से देखने की सलाह बहुत कम समय के लिए भी नहीं दी जाती है. यहां तक ​​​​कि जब चंद्रमा सूर्य के अधिकांश हिस्से को अवरुद्ध कर देता है, तब भी यह आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाएगा और इसके परिणामस्वरूप अंधापन हो सकता है.

सूर्यग्रहण के दैरान क्या करें और क्या नहीं

खाने-पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डालें
तुलसी को काफी पवित्र माना जाता है. इसके साथ ही ये नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाती है. इसीलिए ग्रहण से पहले ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी की कुछ पत्तियां डाल दें. 

गर्भवती महिलाएं न निकले बाहर
शास्त्रों के अनुसारा माना जाता है कि ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए. सूर्य की हानिकारक किरणें बच्चे के साथ-साथ मां पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती हैं. इसलिए  बच्चे को नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं घर पर ही रहें.

मंदिर में न करें पूजा-पाठ
मान्यता है कि ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले से सूतक शुरू हो जाता है. इसके साथ ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. इसी वजह की मूर्तियों को स्पर्श करना अशुभ माना जाता है. क्योंकि सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है. 

सूर्य की करें अराधना
माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के वक्त मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसलिए आप ग्रहण के वक्त सूर्य के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. इसके अलावा नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए गायत्री मंत्र का भी जाप कर सकते हैं.

ग्रहण के समय न करें ये काम
ग्रहण के समय कोई चीज का काटनी या फिर सिलनी नहीं चाहिए. इसलिए ग्रहण के समय कैंची, सुई आदि का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें.