
हिंदू कैलेंडर का अंतिम माह फाल्गुन का गुरुवार से शुभारंभ हो गया है. यह माह 13 फरवरी से लेकर 14 मार्च 2025 तक रहेगा. फाल्गुन को फागुन के नाम से भी जाना जाता है. शोभन योग में शुरू फागुन महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.
इस माह में महाशिवरात्रि, होली, संकष्टी चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, एकादशी, प्रदोष, पूर्णिमा, अमावस्या से लेकर कई व्रत-त्योहार पड़ेंगे. फाल्गुन माह में ही इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है.फाल्गुन में ही ललिता जयंती, यशोदा जयंती, रामकृष्ण जयंती और चैतन्य महाप्रभु जयंती मनाई जाएगी. हम आपको बता रहे हैं फाल्गुन माह में आने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में. इसके साथ ही यह बताएंगे कि इस माह क्या करने चाहिए और क्या नहीं.
फाल्गुन माह में पड़ने वाले व्रत-त्योहार
13 फरवरी 2025: फाल्गुन माह का शुभारंभ, प्रतिपदा तिथि, ललिता जयंती.
16 फरवरी 2025: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी.
18 फरवरी 2025: यशोदा जयंती.
20 फरवरी 2025: कालाष्टमी व्रत.
24 फरवरी 2025: विजया एकादशी.
25 फरवरी 2025: भौम प्रदोष व्रत.
26 फरवरी 2025: फाल्गुन शिवरात्रि, महाशिवरात्रि, महाकुंभ का अंतिम स्नान.
27 फरवरी 2025: फाल्गुन अमावस्या.
28 फरवरी 2025: फाल्गुन शुक्ल पक्ष प्रारंभ, प्रतिपदा तिथि.
1 मार्च 2025: फुलैरा दूज, रामकृष्ण जयंती.
3 मार्च 2025: फाल्गुन विनायक चतुर्थी.
4 मार्च 2025: स्कन्द षष्ठी.
5 मार्च 2025: मासिक कार्तिगाई.
6 मार्च 2025: रोहिणी व्रत.
7 मार्च 2025: मासिक दुर्गाष्टमी, होलाष्टक का प्रारंभ.
10 मार्च 2025: आमलकी एकादशी, नृसिंह द्वादशी.
11 मार्च 2025: आमलकी एकादशी पारण, भौम प्रदोष व्रत.
13 मार्च 2025: होलिका दहन, छोटी होली, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत.
14 मार्च 2025: होली, चैतन्य महाप्रभु जयंती, पहला चंद्र ग्रहण, फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान और दान.
फाल्गुन माह में क्या करें और क्या नहीं
1. फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि और पूर्णिमा व्रत करना शुभ माना जाता है.
2. व्रत के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए.
3. भगवान श्रीकृष्ण और शिवजी के भजन-कीर्तन करने से मन की शुद्धि होती है.
4. फागुन में अन्नदान, वस्त्रदान और जलदान करने से जीवन में सुख-शांति आती है.
5. इस माह पड़ने वाले होलिका दहन के समय अपनी बुरी आदतों और नकारात्मकता को समाप्त करने का संकल्प लें.
6. होलिका दहन के दिन अग्नि में नारियल, तिल और गेंहू अर्पित करना शुभ माना जाता है.
7. फागुन में में गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नास होता है.
8. फागुन महीने में पीपल के पेड़ का पूजन करना चाहिए. इससे नकारात्मकता दूर होती है.
9. गाय की सेवा करनी चाहिए. ऐसा करना पुण्यदायी होता है.
10. फालगुन महीने में मांस-मदिरा और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
11. महिलाओं, बड़ों और बुजुर्गों को अपमानित नहीं करना चाहिए.
12. किसी के भी प्रति अपने मन में नकारात्मक विचारों को नहीं लाना चाहिए.