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Makar Sankranti 2023: जनवरी के मध्य में क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्योहार ? देश के दूसरे हिस्सों में भी इसके अलग-अलग नाम

मकर संक्रांति का पर्व इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा. पुण्य काल के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 02:43 से 05:45 बजे के बीच है. मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में अलग-अलग नामों के साथ मनाया जाता है.

मकर संक्रांति पर आस्था की डुबकी लगाते संत व अन्य (फाइल फोटो) मकर संक्रांति पर आस्था की डुबकी लगाते संत व अन्य (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है

  • इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा

मकर संक्रांति का त्योहार पूरे उत्तर भारत में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. हिन्दू पंचांग में कैलेंडर दो प्रकार के हैं. एक सूर्य आधारित और दूसरा चंद्र आधारित. यह पर्व सूर्य आधारित कैलेंडर के आधार पर मनाया जाता है. इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि से होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसलिए इसी दिन से यह पर्व मनाया जाता है.

सूर्य की उत्तरायण स्थिति का हमारे जीवन में महत्व बताया गया है. सूर्य के उत्तरायण होने पर दिन बड़े होने से मनुष्य की कार्य क्षमता में भी वृद्धि होती है जिससे मानव प्रगति की ओर अग्रसर होता है. यह मकर संक्रांति का त्योहार प्रगति तथा ओजस्विता का प्रतीक है. मकर संक्रांति शुरू होने पर हिंदू मास माघ महीने का भी प्रारंभ हो जाता है.

मकर संक्रांति बसंत के आगमन यानी कि फसलों की कटाई और पेड़-पौधों के पल्लवित होने की शुरुआत का सूचक है. इसे देश के अलग-अलग राज्यों में कई नामों से मनाया जाता है. आइए जानते हैं किस राज्य में किस नाम से इस पर्व को मनाया जाता है.

उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल : उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में इसे खिचड़ी का पर्व कहते हैं. इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाना बहुत शुभ माना जाता है. प्रयाग में माघ मेला शुरू होता है. त्रिवेणी के अलावा, उत्तर प्रदेश के हरिद्वार और गढ़ मुक्तेश्वर और बिहार में पटना जैसे कई जगहों पर भी धार्मिक स्नान का महत्व है.

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश : कर्नाटक और आंध प्रदेश में मकर संक्रमामा नाम से मानते है. जिसे यहां तीन दिन का त्योहार पोंगल के रूप में मनाते हैं. तेलुगू इसे पेंडा पादुगा कहते है, जिसका अर्थ होता है बड़ा उत्सव.

तमिलनाडु : तमिलनाडु में इसे पोंगल त्योहार के नाम से मनाते हैं, जोकि किसानों के फसल काटने वाले दिन की शुरुआत के लिए मनाया जाता है.

गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण नाम से मकर संक्रांति पर्व को गुजरात और राजस्थान में मनाया जाता है. इस दिन गुजरात में पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता रखी जाती है. गुजरात में यह एक बहुत बड़ा त्योहार है. इस दौरान वहां पर अवकाश भी होता है.

बुंदेलखंड : बुंदेलखंड में विशेष कर मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति के त्योहार को सकरात नाम से जाना जाता है. यह त्योहार मिठाइयों के साथ बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.

कश्मीर : कश्मीर में मकर संक्रांति के त्योहार को शिशुर सेंक्रांत नाम से जानते है.

हरियाणा : मगही नाम से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में यह त्योहार मनाया जाता है.

पंजाब : पंजाब में लोहड़ी नाम से इसे मनाया जाता है, जो सभी पंजाबी के लिए बहुत महत्व रखता है.इस दिन से सभी किसान अपनी फसल काटना शुरू करते है और उसकी पूजा करते हैं.