scorecardresearch

जानिए कौन हैं देवसहायम पिल्लई? ईसाई संत की उपाधि से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय आम आदमी बनेंगे

संत बनने के दौरान उन्होंने खास तौर से जातिगत मतभेदों के बावजूद सभी लोगों की समानता पर जोर दिया. जिससे उच्च वर्ग के लोगों में देवासहाय के प्रति नफरत भी पैदा हो गयी थी, इस नफरत के बाद भी देवासहाय ने लोगों की समानता पर जोर देना नहीं छोड़ा, और उन्हें 1749 में गिरफ्तार कर लिया गया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • देवसहायम पिल्लई होंगे संत की उपाधी से सम्मानित

  • ईसाई संत की उपाधि पाने वाले पहले आम भारतीय

10 नवंबर अठाहरवीं शताब्दी में ईसाई धर्म अपनाने वाले हिंदू देवसहायम पिल्लई, (Hindu Devasahayam Pillai)  इसाई (Christianity) संत की उपाधि से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय आम आदमी होंगे. वेटिकन में कांग्रिगेशन फॉर द कॉजेज ऑफ सेंट्स ने मंगलवार को यह घोषणा की

ईसाई संत बनने वाले भारत के पहले आम आदमी बनेंगे पिल्लई

गिरजाघर के अधिकारियों ने कहा कि पोप फ्रांसिस 15 मई, 2022 को वेटिकन में सेंट पीटर्स बेसिलिका में 6 अन्य  संतों के साथ देवसहायम को संत घोषित करेंगे. गिरजाघर ने कहा कि  प्रक्रिया पूरी होने के साथ पिल्लई ईसाई संत बनने वाले भारत के पहले आम आदमी बन जाएंगे. उन्होंने 1745 में ईसाई धर्म अपनाने के बाद ‘लेजारूस’ नाम रख लिया था. ‘लेजारूस’ का मतलब ‘देवसहायम’ या देवों की मदद करना है. 

मतभेदों के बावजूद लोगों की समानता पर जोर देने वाले पिल्लई

संत बनने के दौरान उन्होंने खास तौर से जातिगत मतभेदों के बावजूद सभी लोगों की समानता पर जोर दिया. जिससे उच्च वर्ग के लोगों में देवासहाय के प्रति नफरत भी पैदा हो गयी थी, इस नफरत के बाद भी देवासहाय ने लोगों की समानता पर जोर देना नहीं छोड़ा, और उन्हें 1749 में गिरफ्तार कर लिया गया. कठिनाइयों को सहने के बाद, उन्हें 14 जनवरी 1752 को गोली मार दी गई तो उन्हें शहीद का दर्जा मिला ", वेटिकन द्वारा तैयार एक नोट में यह बात कही गयी है. 

जन्म के 300 साल बाद धन्य घोषित किया गया

उनके जीवन और शहादत से जुड़े स्थल तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के कोट्टार डायोसिस में हैं. देवसहायम को उनके जन्म के 300 साल बाद 2 दिसंबर 2012 को कोट्टार में धन्य घोषित किया गया था. उनका जन्म 23 अप्रैल, 1712 को कन्याकुमारी जिले के नट्टलम में एक हिंदू नायर परिवार में हुआ था, जो पहले त्रावणकोर साम्राज्य का हिस्सा था.