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Raksha Bandhan 2023: सबसे पहले इन देवताओं को अर्पित करें राखी, जीवन में आएगी खुशहाली, जानें भाई को राखी बांधते समय उसमें क्यों लगाई जाती हैं तीन गांठें? 

Raksha Bandhan 2023 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले देवताओं को राखी बांधनी चाहिए. सबसे पहले भगवान गणेश को राखी अर्पित करें.

सबसे पहले भगवान गणेश को अर्पित करें राखी सबसे पहले भगवान गणेश को अर्पित करें राखी
हाइलाइट्स
  • राखी बांधने के लिए कुल 10 घंटे का है शुभ मुहूर्त 

  • राखी में तीन गांठ लगाना माना जाता है शुभ 

भाई-बहन का त्योहार राखी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन में राखी बांधने से भाई की आयु लंबी होती है और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. इस दिन भाई अपनी बहनों को हर मुश्किल घड़ी में रक्षा करने का वचन देते हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं कि भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले किन देवताओं को राखी अर्पित करनी चहिए और भाई को राखी बांधते समय क्यों उसमें तीन गांठें लगाई जाती हैं? 

इन देवताओं को भाई मानकर बहनें बांध सकती हैं राखी 
हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस विशेष दिन पर देवी-देवताओं की उपासना का भी विशेष महत्व है. ऐसे में भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले देवताओं को राखी अर्पित करना चाहिए. आज के दिन कुछ देवताओं को भाई मानकर बहनें राखी बांध सकती हैं.

1. भगवान गणेश: भगवान गणेश देवताओं में प्रथम पूजनीय हैं, इसलिए रक्षाबंधन के समय गणपति जी को सबसे पहले राखी जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं. जीवन में खुशहाली आती है.

2. श्रीकृष्ण भगवान: रक्षाबंधन के दिन बहनें भगवान श्रीकृष्ण को भाई मानकर राखी बांध सकती हैं. पूर्ण श्रद्धा भाव से ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण सभी कष्ट दूर कर देते हैं.

3. हनुमान जी: हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है. ऐसे में इस शुभ अवसर पर हनुमान जी को राखी बांधना अत्यंत फलदाई माना जाता है. साथ ही जिन बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने का मौका नहीं मिला है, वह हनुमान जी को राखी बांध सकती हैं.

4. भोले बाबा: रक्षाबंधन के पावन अवसर पर कई लोग महादेव को राखी अर्पित करते हैं. ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी संकटों से रक्षा करते हैं.

5. नागदेव: मनसादेवी के भाई वासुकि सहित सभी नागों की नाग पंचमी के दिन पूजा होती है. रक्षाबंधन पर नागदेव को भी राखी अर्पित करने की परंपरा है. नागदेव सभी तरह के सर्प योग और भय से मुक्त करते हैं.

राखी में क्यों लगाई जाती हैं तीन गांठें
भाई को राखी बांधते समय बहनों को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि राखी में हमेशा तीन गांठें लगाई जाती हैं. तीन गांठ लगाए बिना रक्षासूत्र अधूरा माना जाता है. राखी में तीन गांठ लगाने के पीछे भी एक महत्वपूर्ण वजह छिपी हुई है. धार्मिक व सामाजिक मान्यताओं के अनुसार राखी में तीन गांठ लगाना शुभ माना जाता है क्योंकि इसका संबंध त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश से है. 

कहा जाता है कि राखी बांधते समय पहली गांठ भाई की लंबी आयु के लिए होती है. दूसरी गांठ स्वयं की लंबी उम्र के लिए और तीसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और मिठास लाने के लिए होती है. इसलिए राखी बांधते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उसमें तीन गांठ अवश्य लगाएं.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
इस साल रक्षाबंधन का पर्व 30 और 31 अगस्त दोन दिन मनाया जा रहा है. ज्योतिषियों के मुताबिक 30 अगस्त को रात 9 बजकर 2 मिनट के बाद से राखी बांधी जा सकती है. 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है, इस समय में भद्रा का साया भी नहीं है. 

इस वजह से 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक के शुभ मुहूर्त में आप राखी बंधवा सकते हैं. राखी बांधने के लिए कुल 10 घंटे का शुभ मुहूर्त मिलेगा, जिसमें राखी बांधना सबसे शुभ माना जा रहा है. यानी 30 अगस्त को रात 9 बजकर 2 मिनट के बाद बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं और फिर 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से पहले राखी बांध सकती हैं.