

संगम की रेती पर लगे महाकुंभ की कई ऐसी तस्वीरें हैं, जो सनातन धर्म के गौरव को बता रही हैं. लोग सेवा भाव से कुंभ में लगे हुए हैं. यही वजह है विदेशियों में भी सेवा का भाव आ गया है, और प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं.
कहीं देखी है ऐसी आस्था
प्रयागराज में चल रहे अनेकों भंडारे में से एक भंडारा ऐसा भी है जिसका संचालन पूरी तरह से विदेशी भक्तों की तरफ से किया जाता है. शक्ति धाम नाम के इस शिविर में आपको अमेरिका, यूरोप, जापान, इंग्लैंड के पुरुष और स्त्रियां साधु संतों को पंगत में बैठाकर भोजन परोसते नज़र आते हैं.
ये विदेशी भक्त पहले पंगत में बैठे लोगों के लिए पहले पत्तल बिछाते हैं फिर पानी से लेकर रोटी-सब्जी, चावल, दाल सहित भोजन परोसते हैं और फिर सबके पास जाकर जाकर उनसे पूछते हैं कि उन्हें और क्या चाहिए.
यहां भंडारा परोसते हैं विदेशी साधु संत
संगम पर चल रहे इस भंडारे में साधु संतों के साथ आम आदमी भी शामिल होते हैं. आमतौर पर इन सभी लोगों ने भंडारे में देश के लोगों को खाना परोसते हुए देखा होगा, लेकिन यहां के भंडारे में सभी विदेशी साधु संत आम आदमी को भंडारा परोस रहे हैं, भंडारा में खाना खाने वाली महिला और पुरुष का कहना है यह सेवा भाव है जो विदेशी अपना रहे हैं.
विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र
महाकुंभ 2025 में देश-विदेश के कोने-कोने से आने वाले करोड़ श्रद्धालुओं के लिए संगम विहार सेक्टर 26 झूंसी प्रयागराज में विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र बनाए गया है. जहां पर श्रद्धालुओं को पर्यावरण व अध्यात्म का अनूठा संगम देखने को मिलेगा. 13 जनवरी से अब तक कुंभ में 49 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. भव्य महामृत्युंजय यंत्र विश्व में अपनी तरह का पहला अलौकिक यंत्र है. शिव महामृत्युंजय मंत्र के 52 अक्षरों के आधार पर इसका आकर बनाया गया है. इस यंत्र की चौड़ाई 52 फीट तथा लंबाई 52 फुट होने के साथ-साथ इसकी ऊंचाई भी 52 फुट रखी गई है.
- प्रयागराज से आनंद राज की रिपोर्ट