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VIP स्पर्श से लेकर विशेष दर्शन... आरती सब होगा सस्पेंड, महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ में इसबार जुट सकती है लाखों की भीड़

महाशिवरात्रि के दिन सभी प्रोटोकॉल निरस्त रहेंगे और बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन भी रोक रहेगी. इस बार महाकुंभ की महाशिवरात्रि है तो उम्मीद है कि पिछले वर्ष से कहीं ज्यादा श्रद्धालुओं की संख्या होने वाली है. जिसको देखते हुए किसी भी प्रकार का प्रोटोकॉल, VIP दर्शन, स्पर्श दर्शन या विशेष दर्शन नहीं हो पाएगा सभी प्रतिबंधित रहेगा.

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हाइलाइट्स
  • महाकुंभ की शिवरात्रि होगी खास 

  • पिछली बार भी थी काफी भीड़ 

मौका जब अपने आराध्य भोलेनाथ के विवाह का हो तो उनकी नगरी काशी कैसे पीछे रह सकती है? यही वजह है कि हर वर्ष महाशिवरात्रि पर काशीवासी भोले की भक्ति में लीन हो जाते हैं और न केवल शिव बारात में शामिल होते हैं, बल्कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में भी अर्जी लगाते हैं. 

लेकिन इस बार की महाशिवरात्रि इसलिए खास है, क्योंकि यह महाकुंभ की महाशिवरात्रि है. जिसको लेकर हर बार से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाली है और नए रिकॉर्ड को बनाने वाली है तो वहीं 26 फरवरी को पड़ने वाली महाशिवरात्रि को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सभी तरह के रुद्राभिषेक, आरती, स्पर्श दर्शन, विशेष दर्शन और प्रोटोकॉल को निरस्त कर दिया है.

महाकुंभ की शिवरात्रि होगी खास 
महाकुंभ की महाशिवरात्रि के बारे में काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष की महाशिवरात्रि की विशेषता यह है कि यह महाकुंभ की शिवरात्रि है। पिछले वर्षों में जहां शिवरात्रि के दिन जितने श्रद्धालु आते थे, उससे कहीं ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ के पलट प्रवाह की वजह से रोज आ रहे हैं.

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विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ की शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होने वाली है. श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दर्शन सुलभ करने के लिए जो हमारी अधिकतम क्षमता हो सकती है. उसपर सारी व्यवस्था की गई है और एंड टू एंड बैरिकेडिंग लगाए गए है साथ ही चिकित्सकीय टीम लगी हुई है. इसलिए महाशिवरात्रि पर इससे इतर अलग से कुछ करना संभव नहीं है. जो सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक संभव है उसपर मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शन करवा रहा है. हम इस प्रोटोकॉल का पालन महाशिवरात्रि तक करेंगे. 

पिछली बार भी थी काफी भीड़ 
विश्व भूषण मिश्रा ने आगे बताया कि गत वर्ष महाशिवरात्रि को देखते हुए एक नवाचार शुरू किया गया था जिसमें सभी प्रधान महादेव का रुद्राभिषेक होगा और उसके बाद ही महाशिवरात्रि का पर्व सकुशल संपन्न होगा. पिछले वर्ष महाशिवरात्रि के दिन 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु काशी विश्वनाथ बाबा का दर्शन रात्रि 12 बजे तक किए थे और मंगला आरती तक 12 लाख तक ये आंकड़ा पहुंच गया था. 

उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के पर्व पर काशी विश्वनाथ की परंपरा है कि 25-26 फरवरी की मध्य रात्रि मंगला आरती के बाद शिवरात्रि का दर्शन पूजन प्रारंभ हो जाएगा. इसके बाद भोग आरती 11:30 बजे दिन में होगी और फिर सायंकाल की आरती शिवरात्रि के दिन नहीं होगी और अगले दिन की मंगला आरती भी नहीं होगी. सभी चार पहर की आरती महाशिवरात्रि की महाकाल की महाआरती में होगी. फिर अगले दिन की भोग आरती के साथ यह आयोजन समाप्त हो जाता है. महाशिवरात्रि का पूरा फ्लो 32 घंटे का होता है. जिसमें लगातार दर्शन चलते रहते हैं.

सभी प्रोटोकॉल निरस्त रहेंगे 
महाशिवरात्रि के दिन सभी प्रोटोकॉल निरस्त रहेंगे और बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन भी रोक रहेगी. इस बार महाकुंभ की महाशिवरात्रि है तो उम्मीद है कि पिछले वर्ष से कहीं ज्यादा श्रद्धालुओं की संख्या होने वाली है. जिसको देखते हुए किसी भी प्रकार का प्रोटोकॉल, VIP दर्शन, स्पर्श दर्शन या विशेष दर्शन नहीं हो पाएगा सभी प्रतिबंधित रहेगा. महाशिवरात्रि के उपलक्ष में जो भी रुद्राभिषेक होगा वह न्यास के द्वारा ही पुजारियों से परंपरागत तरीके से कराया जाएगा. श्रद्धालुओं के लिए रुद्राभिषेक या किसी तरह के विशेष दर्शन का टिकट उपलब्ध नहीं रहेगा.