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Ganesh Chaturthi: ओडिशा में कलाकारों ने अलग-अलग तरीके से की गणपति की आराधना, बनाई अनोखी प्रतिमाएं

Ganesh Chaturthi 2022: कोरोना महामारी के दो साल बाद आज देश भर में हर्षोल्लास और गणपति बप्पा मोरया के जयकारा के साथ गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है. ऐसे में गणेश पूजा के अवसर पर ओडिशा के कलाकारों ने अलग-अलग तरह से कलाकृतियां बना कर भगवान गणेश की आराधना की. साथ ही साथ कलाकारों द्वारा बनाया गया अनोखी गणपति बप्पा की मूर्तियां लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है.

Ganesh Chaturthi 2022 Ganesh Chaturthi 2022
हाइलाइट्स
  • कलाकारों ने पर्यावरण के अनूकुल गणेश की प्रतिमा बनाई

  • हाथियों को पर्यावरण के लिए प्रार्थना करते हुए दिखाया गया

आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है. गणेश चतुर्थी के अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी के समुद्र तट पर 3,425 रेत की लड्डू का उपयोग कर 6 फीट ऊंचा गणेश की बालुका बनाया है. लोकप्रिय मिनिएचर कलाकार एल ईश्वर राव ने कांच की बोतल के अंदर 2.5 इंच कि ईको-फ्रेंडली गणेश की मूर्ति तैयार किया है. अंतराष्ट्रीय बालुका कलाकार मानस साहू ने 15 टन रेत की मदद् से 15 फीट चौड़ा गणपति बप्पा की मूर्ति बनाई है. साथ ही भुवनेश्वर में बकुल फाउंडेशन के सदस्यों ने एक पेड़ को गणेश का रुप देकर पूजा अर्चना की है.
 
हैप्पी गणेश पूजा का दिया संदेश 

विश्व प्रसिद्ध कलाकार पुरी निवासी सुदर्शन पटनायक ने पुरी समुद्र तट पर 3,425 रेत के लड्डू का उपयोग कर 6 फीट ऊंची एक गणपति बप्पा की मूर्ति रेत से बनाई है. सुदर्शन ने गणपति की मूर्ति के साथ दो हाथियों को दर्शाया है और सभी को हैप्पी गणेश पूजा का संदेश दिया है. सुदर्शन ने हाथियों को पर्यावरण के लिए प्रार्थना करते हुए दिखाया है.  

इसी तरह, खुर्दा जिले के जटनी निवासी एल ईश्वर राव ने कांच की बोतल के अंदर भगवान गणेश की एक ईको-फ्रेंडली मूर्ति बनाई है. राव ने बताया कि गणेश की मूर्ति पूरी तरह से पर्यावरण के अनूकुल है. गणपति बप्पा की मूर्ति को मिट्टी से बनाया गया है और इसकी ऊंचाई 2.5 इंच है. इस कार्य को करने में मुझे 7 दिनों का समय लगा है. साथ ही राव ने कहा कि मैं गणेश पूजा के अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई देता हूं. 

वहीं,अंतरराष्ट्रीय कलाकार मानस कुमार साहू ने पुरी में लाईटहाउस समुद्र के तट पर 15 टन रेत का इस्तेमाल कर 15 फीट ऊंची गणेश की मूर्ति तैयार की है. साहू ने बताया कि इस गणपति की मूर्ति को बनाने में 7 घंटों का समय लगा है. 

लोगों ने कलाकारों की सराहना की 

इनके आलावा, राजधानी भुवनेश्वर के बीजू पटनायक पार्क में बकुल फाउंडेश्न ने एक पेड़ को गणपति बप्पा का रुप दिया और विधि स्वरुप पूजा अर्चना की. गणेश पूजा के अवसर पर फाउंडेशन के सदस्यों ने एक पेड़ का चयन किया. जिसमें उन्होंने चित्रकारी और कटिंग के माध्यम से सूंड और हाथ बनाए हैं. कानों के लिए उन्होंने सूप का इस्तेमाल किया. साथ ही साथ पेड़ को वस्त्र स्वरुप धोती और गमछा पहनाया. गणेश पूजा के अवसर पर सभी कलाकारों ने पर्यावरण के अनूकुल गणेश की प्रतिमा बनाई. वहीं लोगों ने कलाकारों की कार्यों की सराहना की.