एक तरफ साईं सब पर अपनी कृपा बरसाते हैं तो दूसरी तरफ साईं के लाखों करोड़ों भक्त भी दिल खोलकर दान देते हैं. एक भक्त ने साईं बाबा को 4 किलो सोने का दान दिया है.
सिंहासन की शोभा बढ़ा रही सोने की पट्टी-
खास बात ये है कि साईं बाबा के सिंहासन के निचले हिस्से में लगाई गई इस सोने की पट्टी को जरूरत पड़ने पर हटाया जा सकता है. साईं बाबा के स्नान और सिंहासन की सफाई के दौरान इस पट्टी को हटाया और फिर यहां लगाया जा सकता है. हाथी और मोर की नक्काशी वाली ये सोने की पट्टी अब साईं बाबा के सिंहासन की शोभा बढ़ा रही है. साईं बाबा के दरबार में हर साल ऐसे कितने ही दानवीर भक्त दूर-दूर से आते हैं और लाखों-करोड़ों का चढ़ावा चढ़ाते हैं. वे ऐसे चढ़ावों और तोहफों के जरिए बाबा के प्रति अपना प्रेम और आभार जाहिर करते हैं. हैदराबाद के एक भक्त ने बाबा के सिंहासन की सजावट के लिए सोने की ये नक्काशीदार पट्टी भेंट की है, सोने की इस अनोखी पट्टी का वजन 4 किलोग्राम से ज्यादा है और इसकी कीमत 2 करोड़ रुपये है.
कब-कब भक्तों ने किया सोना दान-
साईं बाबा के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है. भक्त बाबा के प्रति अपना स्नेह दर्शाने के लिए चढ़ावा चढ़ाते हैं. भक्तों की जितनी हैसियत होती है, उसके हिसाब से चढ़ावा चढ़ाते हैं. आइए जानते हैं कि कब-कब भक्तों ने साईं बाबा के दरबार में सोने का दान किया.
साईं बाबा के दरबार में सोने-चांदी-हीरे-जवाहरात और बेशकीमती रत्नों के चढ़ावे आने का सिलसिला साल दर साल जारी है. ऐसा लगता है सोने से साईं पूरी तरह ढक चुके हैं. साईं बाबा के खजाने में क्विंटल के हिसाब से सोना, चांदी और हीरे के साथ कैश और करोड़ों के फिक्स डिपॉजिट भी हैं. भक्त बाबा पर खजाना लुटाते हैं, और साईं भक्तों की झोली भरते हैं.
भक्त चाहे अमीर हो या गरीब सब अपनी इच्छा से साईं को जरूर कुछ ना कुछ चढ़ाते हैं. कोई साईं को पैसे-रुपये चढ़ाता है तो कोई सोने का मुकुट चढ़ाता है. तो कोई साईं बाबा की प्रतिमा और उनके मंदिर को सजाने के लिए सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात का दान देता है. साईं बाबा के प्रति भक्तों की श्रद्धा अनमोल है. तो उनको चढ़ावे में दिए सोने-चांदी और रत्नों का भला क्या हिसाब, यह तो भक्तों की श्रद्धा है. जिसकी वजह से साईं बाबा का खजाना लगातार बढ़ता चला जा रहा है.
(शिरडी से नितिन मिराणे की रिपोर्ट)
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