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Govardhan Puja 2022: दिवाली के बाद आज गोवर्धन पूजा की धूम, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

देश भर में आज गोवर्धन पूजा की जाएगी. दिवाली के अगले ही दिन भक्तों को गोवर्धन पूजा का इंतजार रहता है, लेकिन इस बार सूर्यग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा आज मनाया जा रहा है.

आज मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा आज मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा
हाइलाइट्स
  • गोवर्धन पूजा पर मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन किया जाता

आज गोवर्धन पूजा है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट का पर्व भी कहा जाता है. गोवर्धन पूजा में विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और बांटा जाता है. इस दिन गायों की पूजा का भी विशेष महत्व है. इस पूजा में गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है. इसके साथ ही वरुण देव, इंद्र देव और अग्नि देव देवताओं की पूजा का भी विधान है.

गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई है. इसमें घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी की अल्पना बनाकर उनका पूजन किया जाता है. उसके बाद गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है.

किस प्रकार करें गोवर्धन पूजा ?

  • प्रातः काल शरीर पर तेल मलकर स्नान करें. 

  • घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनायें. 

  • गोबर का गोवर्धन पर्वत बनायें, पास में ग्वाल बाल, पेड़ पौधों की आकृति बनायें. 

  • मध्य में भगवान् कृष्ण की मूर्ति रख दें. 

  • इसके बाद भगवन कृष्ण, ग्वाल-बाल,और गोवर्धन पर्वत का पूजन करें. 

  • पकवान और पंचामृत का भोग लगायें. 

  • गोवर्धन पूजा की कथा सुनें, प्रसाद वितरण करें और सबके साथ भोजन करें.

शुभ मुहूर्त

बता दें कि 25 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि शाम 5 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ हो रही है. ये 26 अक्टूबर यानि आज दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी. गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. पूजन की कुल अवधि 2 घंटे 14 मिनट की है.

मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन

गोवर्धन पूजा के मौके पर मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन किया जाता है. अन्नकूट यानि कई प्रकार के अन्न का मिश्रण, जिसे भोग के रूप में भगवान श्री कृष्ण को चढ़ाया जाता है. कुछ स्थानों पर विशेष रूप से बाजरे की खिचड़ी बनाई जाती है. साथ ही पूड़ी बनाने की भी परंपरा है. अन्नकूट के साथ-साथ दूध से बनी मिठाई और स्वादिष्ट पकवान भोग में चढ़ाए जाते हैं. पूजन के बाद इन पकवानों को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांटा जाता है.

कई मंदिरों में अन्नकूट उत्सव के दौरान जगराता किया जाता है और भगवान श्री कृष्ण की आराधना कर उनसे खुशहाल जीवन की कामना की जाती है.

गोवर्धन बनाकर फूलों से सजाया जाता

गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है. पूजन के दौरान गोवर्धन पर धूप, दीप, नैवेद्य, जल, फल चढ़ाये जाते है. इसी दिन गाय-बैल और कृषि काम में आने वाले पशुओं की पूजा की जाती है. गोवर्धन जी गोबर से लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाए जाते हैं. उनके नाभि के स्थान पर एक मिट्टी का दीपक रख दिया जाता है.  इस दीपक में दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे पूजा करते समय डाल दिए जाते हैं और बाद में प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं.

धन की होती है वृद्धि

पूजा के बाद गोवर्धन जी की सात परिक्रमाएं लगाते हुए उनकी जय बोली जाती है. परिक्रमा के वक्त हाथ में लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा पूरी की जाती है. गोवर्धन गिरि भगवान के रूप माने जाते हैं और उनकी पूजा घर में करने से धन, संतान और गौ रस की वृद्धि होती है.