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Chardham Yatra 2025: इस बार होगी 'हरित चारधाम यात्रा'! प्लास्टिक पर रोक से लेकर हेल्दी खाना और हाईटेक सुविधाएं तक… सबकुछ होगा  

इस बार की बद्रीनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुभव नहीं होगी, बल्कि यह एक हरित, स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक यात्रा के रूप में मिसाल पेश करेगी. सरकारी प्रयासों से लेकर स्थानीय व्यवस्थाओं तक, सब कुछ यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से तैयार किया जा रहा है. बद्रीनाथ में आस्था के साथ-साथ प्रकृति और स्वास्थ्य की भी साधना होगी.

Char Dham Yatra (Photo: PTI) Char Dham Yatra (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • मास्टरप्लान से बदल रही तस्वीर

  • स्वास्थ्य सचिव ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार इस बार एक नई पहल के साथ मैदान में उतर रही है. ‘हरित चारधाम यात्रा’ और ‘फिट इंडिया, फिट उत्तराखंड’ जैसे अभियानों को मिलाकर इस बार की यात्रा को पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से विशेष बनाने की कोशिश की जा रही है.
चारधाम यात्रा की तैयारियों की बात करें तो इस समय बद्रीनाथ धाम में तेजी से काम चल रहा है. कभी राज्य सरकार तो कभी जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. मंदिर परिसर से लेकर यात्रा मार्ग, पार्किंग स्थल, स्वास्थ्य सुविधाएं और साफ-सफाई तक हर मोर्चे पर सुधार का प्रयास हो रहा है.

सचिव स्वास्थ्य ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
चारधाम यात्रा के नोडल अधिकारी और उत्तराखंड के सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य, आर राजेश कुमार ने मंगलवार को बद्रीनाथ पहुंचकर यात्रा मार्ग की स्थिति का मुआयना किया. उन्होंने गौचर रजिस्ट्रेशन सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौचर, ट्रॉमा सेंटर कर्णप्रयाग, और मेला मैदान का निरीक्षण किया और वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था और स्वच्छता पर संतोष जताते हुए जरूरी निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने बद्रीनाथ मंदिर जाकर भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए और मंदिर परिसर की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए.

चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार कहते हैं, “पूरे यात्रा मार्ग की स्थिति को 15-20 दिनों में सुधारने का लक्ष्य है. सड़क के गड्ढों को भरने, संकेतक लगाने और जरूरी मरम्मत कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.”

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प्लास्टिक बैन और हेल्दी फूड
इस बार की चारधाम यात्रा को ‘हरित चारधाम यात्रा’ के रूप में मनाया जाएगा. इसके तहत यात्रा मार्ग में प्लास्टिक का प्रयोग सख्त रूप से प्रतिबंधित रहेगा. साथ ही यात्रियों को 10% कम चीनी, नमक और तेल युक्त भोजन परोसे जाने की व्यवस्था की जा रही है.

चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव कहते हैं "हम सभी फूड वेंडर्स से अनुरोध कर रहे हैं कि वे न केवल प्लास्टिक का प्रयोग न करें, बल्कि यात्रियों को स्वच्छ, हल्का और पोषण युक्त भोजन परोसें." 

इस अभियान को फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट के सहयोग से संचालित किया जाएगा और इसके ज़रिए यात्रियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता का महत्वपूर्ण संदेश देने की कोशिश होगी. सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘फिट इंडिया’ और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘फिट उत्तराखंड’ के विजन को यात्रा में भी जमीन पर उतारा जा रहा है.

मास्टरप्लान से बदल रही तस्वीर
बद्रीनाथ धाम का कायाकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘बद्रीनाथ मास्टरप्लान’ के तहत किया जा रहा है. पहाड़ी शैली में निर्मित अराइवल प्लाज़ा और शेषनेत्र झील जैसे स्थल अब यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं.

अराइवल प्लाजा को पारंपरिक पहाड़ी स्थापत्य कला में बनाया गया है जो न केवल सुंदर दिखता है बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति को भी दर्शाता है. शेषनेत्र झील अब पहले से अधिक स्वच्छ और व्यवस्थित दिख रही है. निर्माण कार्यों की गति तेज है और अधिकारियों का दावा है कि यात्रा शुरू होने से पहले अधिकांश कार्य पूरे कर लिए जाएंगे.

हाईटेक अस्पताल से मिलेगी राहत
चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. विशेषकर हाई एल्टीट्यूड और हार्ट अटैक जैसे कारणों से यात्रियों की मौतें चिंता का विषय रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अब बद्रीनाथ धाम में 50 बेड का हाईटेक अस्पताल बनकर लगभग तैयार हो गया है.

यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग विशेष सतर्कता बरतेगा. केंद्र सरकार की मदद से 50 अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी, वहीं राज्य सरकार भी अपने स्तर से पर्याप्त डॉक्टरों की नियुक्ति सुनिश्चित कर रही है.

 (रिपोर्ट- कमलनयन सिलोड़ी)