
मध्य प्रदेश के गढ़ा सरकार से साधुओं की एक टोली करीब 500 किमी से अधिक दूर अयोध्या की यात्रा के लिए निकली है. साधुओं की यह यात्रा कठिन है, क्यों कि यह यात्रा किसी ट्रेन या फिर बस और वाहन नहीं बल्कि सड़क पर दंडवत लेटते हुए जा रही है. यात्रा में शामिल भक्त और साधुओं में गजब का जोश देखने को मिला.
17 साधु संतों की ये टोली सड़क पर दंडवत लेट-लेटकर सोमवार को यूपी के झांसी पहुंच चुकी है. रास्ते में वह भगवान श्रीराम के जयकारें और भजन कीर्तन जा रहे हैं. यह टोली करीब 500 किमी से अधिक दूर तक यूं ही सड़क पर दंडवत लेट-लेटकर पहुंचेगी. रास्ते में भक्त उनकी सारी व्यवस्था करते हैं. इन सभी साधु संतों ने संकल्प लिया था कि जब मंदिर बन जाएगा और एक साल पूरा हो जाएगा तब वह दंडवत करते हुए अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन करेंगे.
18 दिसंबर तारीख को आश्रम से चले थे सभी साधु
साधु परमदास कहते हैं कि वे सब लोग मध्य प्रदेश के गढ़ा सरकार से चलकर आ रहे हैं. वे कहते हैं, “हम 18 तारीख को आश्रम से चले हैं और अयोध्याधाम के लिए दंडवत करते हुए जा रहे हैं. हमारी टोली में 17 लोग शामिल हैं. हमारा संकल्प रामनवमी पर श्रीराम के दर्शन करना है. हमारे महाराज का संकल्प था कि जब राम मंदिर बन जाएगा और एक वर्ष हो जाएगा तब वह दंडवत करते हुए अयोध्या जाएंगे.”
उनके खाने पीने की व्यवस्था को लेकर वे कहते हैं, “भगवान श्रीराम की कृपा से रास्ते में भक्त हमारे खाने की स्वयं व्यवस्था कर देते हैं. प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो इतना बड़ा संकल्प किया है वह किसी ने नहीं किया है. ऐसा राजा न कोई देश में हुआ और न ही होगा. योगीजी भी महर्षि हैं. उन्होंने अयोध्या के हित में बहुत कुछ किया है.”
(प्रमोद कुमार की रिपोर्ट)