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Guru Pushya Nakshatra: सोना खरीदने के लिए शुभ है समय, लीडरशिप क्वालिटी को बढ़ाता है गुरु पुष्य नक्षत्र

Guru Pushya Nakshatra 2024: गुरु पुष्य नक्षत्र में काम शुरू करने से अच्छे नतीजे मिलते हैं. इस दौरान सोना खरीदना लाभदायक होता है. इसके साथ ही इस नक्षत्र में यात्रा करना, नए संस्थान में दाखिला लेना, धार्मिक अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है. ये शुभ संयोग लीडरशीप क्वालिटी भी बढ़ाता है.

Guru Pushya Nakshatra 2024 Guru Pushya Nakshatra 2024

ज्योतिष में सबसे बड़ा और सहबसे अहम ग्रह बृहस्पति है. इसी तरह से सबसे शुभ नक्षत्र पुष्य है. इन दोनों का संयोग होने से बहुत सारे लाभ होते हैं. आज यानी 22 फरवरी को गुरु पुष्य नक्षत्र (Guru Pushya Nakshatra) जैसा शुभ योग बन रहा है. गुरु पुष्य नक्षत्र में अनेकों प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं. इस दिन से शुभ काम शुरू करने से बहुत अच्छे नतीजे मिलते हैं. जो लोग किसी बड़े सामान को खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और अच्छे मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं, तो आज का दिन उनके लिए काफी उत्तम है. अगर आप पुखराज, येलो सफायर, येलो टोपाज पहनना चाहते हैं या बृहस्पति के बहुत सारे कीमती उपाय करना चाहते हैं तो आज से कामों की शुरुआत करें, क्योंकि आज इस योग के साथ बन रहे कई शुभ योगों का संयोग आपके तमाम कार्य सिद्ध करेगा.

गुरु पुष्य योग का संयोग-
आज यानी 22 फरवरी को गुरु पुष्य योग का संयोग बन रहा है. इस शुभ योग में किए गए कामों में सफलता मिलती है और शुभता में बढ़ोतरी होती है. इसके साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है. गुरु पुष्य नक्षत्र का 27 नक्षत्रों में आठवां नंबर है. देवगुरु बृहस्पति इस नक्षत्र के देवता हैं और शनि देव को इस नक्षत्र की दिशा का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त है. बृहस्पति को शुभता, बुद्धिमत्ता और ज्ञान का प्रतीक माना गया है. वहीं शनिदेव को स्थायित्व का प्रतीक माना गया है. इसलिए इन दोनों का योग मिलकर पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिर स्थायी बना देता है. इसके साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म भी पुष्य नक्षत्र में होने से ये नक्षत्र और खास हो जाता है.

कब तक रहेगा गुरु पुष्य नक्षत्र-
22 फरवरी 2024 को सुबह 7 बजकर 12 मिनट से गुरु पुष्य नक्षत्र शुरू हुआ है. जबकि यह शाम 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. शुभ योग और ग्रहों की स्थिति देखें तो इस दिन रवि योग, सर्वाअमृत योग, सौभाग्य योग और बुधादित्य योग रहने से इस संयोग का शुभ फल और बढ़ जाएगा. इसके साथ ही इस दिन सूर्य, शनि, और बुध कुंभ राशि में, चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान हैं. ग्रहों का ये संयोग काफी शुभ माना जाता है.

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इस समय क्या कर सकते हैं-
पुष्य नक्षत्र की धातु सोना है. इसलिए इस योग में सोना खरीदने से समृद्धि बनी रहती है. गुरु पुष्य नक्षत्र के इस शुभ संयोग में यात्रा शुरू करना, विद्या ग्रहण करना, नए शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेना, गुरु से मंत्र शिक्षा, आध्यात्मिक उन्नति, धार्मिक अनुष्ठान, राजकीय कार्य करना लाभदायक है. ये शुभ संयोग लीडरशीप क्वालिटी भी बढ़ाता है.

गुरु पुष्य योग में उपाय-   
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति उदार, सहनशील और परोपकारी होते हैं. धर्म-कर्म में इनकी गहरी आस्था होती है. गुरु पुष्य योग में कलह से बचने के लिए विष्णु सस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही पीली वस्तुओं का दान, श्रीविष्णु-लक्ष्मी पर हल्दी चढ़ाना, चढ़ी हल्दी में थोड़ा पानी मिलाकर उससे अपनी तिजोरी पर 'श्री' लिखना, एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर मंदिर में रखना, घी का दीपक जलाना, घी मिश्रित गुड़ को रोटी के साथ गाय को खिलाना और संध्या आरती के बाद कर्पूर से पीली सरसों जलाकर पूरे घर में घुमाना चाहिए. पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा गया है. ऐसे में गुरुवार के दिन पुष्य योग होना सोने पर सुहागा जैसा माना जाता है.

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