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शुरू हुई हज यात्रा 2022, जानिए हज क्यों करते हैं मुस्लिम...किसके लिए है जरूरी?

हज यात्रा 2022 शुरू हो गया है. हज यात्रा मुस्लिमों के लिए सबसे धार्मिक होता है. इस्लामी मान्यता के अनुसार हज यात्रा सभी सक्षम मुसलमान को अपने जीवन में एक बार पूरा करना चाहिए.

Hajj Yatra 2022 Hajj Yatra 2022
हाइलाइट्स
  • इस्लाम में बेहद पवित्र माना गया है हज यात्रा

  • पांच दिनों की होती है हज यात्रा

हज मक्का की हर साल होने वाली तीर्थयात्रा है. हज यात्रा को सभी मुस्लिम अपने जीवन में कम से कम एक बार पूरा जरूर करते है. हज यात्रा को इस्लाम में बेहद पवित्र माना जाता है. हज यात्रा करने के दौरान हजी को यौन गतिविधियों में शामिल होना, बहस करना, हिंसा में शामिल होना और बाल और नाखून काटना मना होता है. वहीं हज यात्रा के दौरान उन्हें हमेशा एहराम में शांत रहने की हिदायत दी जाती है. 

हज यात्रा पर क्यों जाते हैं मुस्लिम 
इस्लाम को हज यात्रा को बेहद पवित्र माना गया है. वहीं इसे एक दायित्व के रूप में लिया जाता है. इतना ही नहीं सभी सक्षम मुस्लिम को अपने जीवन में कम से कम हज यात्रा को पूरा करने की हिदायत दी जाती है. माना जाता  यात्रा किसी भी मुसलमान को किसी भी पापा को मिटाने अनुमति दी जाती है. 

ऐसे शुरू हुई हज यात्रा 
इस्लामी मान्यता है कि पैगंबर अब्राहिम ने अपनी हाजिरा और बेटे इस्माइल को फलिस्तान से अरब लाने का निर्देश दिया. यह निर्देश उन्होंने अपनी पहली पत्नी सारा की ईर्ष्या से बेटे को बचाने के लिए दिया था. अल्लाह ने पैगंबर से उन्हें अपनी किस्मत पर छोड़ देने के लिए कहा, जिसके चलते उन्होंने उन्हें कुछ चीजें और थोड़ा पानी दिया जो कुछ ही दिनों में खत्म हो गया. जिसके चलते दोनों भूख और प्यास से बेहाल हो गए. इस बेहाल हालत में उन्होंने अल्लाह से गुहार लगाई. इसके बाद इस्माइल ने जमीं पर पैर पटका तो जमीन के अंदर से पानी का एक सोता फूट पड़ा. जो आज भी मौजूद है. 628 में पैगंबर मोहम्मद ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की. इस यात्रा से हज यात्रा शुरू हुई. 

क्या होता है हज यात्रा पर
हज यात्रा 12वें और अंतिम महीने धूल हिज्जा के दौरान शुरू होता है. हज कुल पांच दिनों का होता है. हज के पहले दिन मक्का में एक छोटी तीर्थ यात्रा उमराह होती है. यह तब होता है जब मुसलमान दो पहाड़ियों के बोच हाजिरा की सीढ़ियों  को पीछे हटाते है. यह काबा की परिक्रमा करने के बाद होता है. वहीं मक्का जाने से पहले कुछ हज यात्री मदीना जाना भी पसनद करते है, जहाँ पर पैगंबर मुहम्मद की कब्र पाई जा सकती है. दूसरे दिन तीर्थ यात्री अराफात पर्वत की तरफ देखते है और दोपहर बिताते है. हज के अंतिम तीन दिनों के दौरान ईद उल अधा  के साथ मुसलमान काबा की एक परिक्रमा करते है. 

कौन जा सकते हैं हज पर 
इस्लाम में हर वो मुसलमान जो शारीरिक, स्वास्थ्य और आर्थिक रूप से सक्षम है वह अपने जीवनकाल में हज यात्रा पर जाने के लिए अनिवार्य है. जो लोग अपने जीवन के एक बार भी हज की यात्रा पूरी कर लेते है तो वह अपने नाम के साथ हाजी की उपाधि जोड़ सकते हैं. बच्चों को हज करने के सक्षम नहीं माना जाता है. इसी तरह कम उम्र के युवा रमजान में उपवास नहीं रख सकते है.