हिंदू धर्म में माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था. इस दिन हनुमान जी की विशेष उपासना करके अपनी समस्याओं का अंत किया जा सकता है. इस दिन हनुमान जी का चित्र या प्रतिमा स्थापित करना विशेष लाभ दे सकता है. अलग अलग कामनाओं के हिसाब से अलग अलग चित्र या प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए.
जैसे स्वास्थ्य रक्षा के लिए हनुमान जी का वह चित्र स्थापित करें जिसमें वह संजीवनी बूटी लिए हुए हों. इस चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं. हनुमान जी को खीर और तुलसी दल का भोग लगायें. स्वास्थ्य रक्षा के लिए प्रार्थना करें. इस तरह दूसरी मनोकामनाओं के लिए दूसरे चित्र स्थापित कर सकते हैं.
संकट दूर करने के लिए
किसी भी तरह का संकट दूर करने के लिए हनुमान जी का वह चित्र स्थापित करें , जिसमें वे गदा लेकर खड़े हों. इस चित्र के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद हनुमान जी को सिन्दूर अर्पित करें. संकट नाश की प्रार्थना करें.
विद्या-बुद्धि और ज्ञान के लिए
विद्या-बुद्धि और ज्ञान के लिए हनुमान जी का वह चित्र स्थापित करें, जिसमे वे रामायण पढ़ रहे हों. इस चित्र के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं. हनुमान जी को गुड़ का भोग लगायें. इसके बाद शिक्षा तथा विद्या-बुद्धि प्राप्ति की प्रार्थना करें. यह चित्र विद्यार्थियों को अपने शिक्षा स्थान पर जरूर लगाना चाहिए
धन प्राप्ति और ऋण मुक्ति के लिए
इस काम के लिए हनुमान जी का वह चित्र स्थापित करें, जिसमे उनके ह्रदय में "सीता-राम" हों. इस चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं. हनुमान जी को लाल फूल अर्पित करें. इसके बाद धन प्राप्ति और ऋण मुक्ति की प्रार्थना करें.
जीवन में हर प्रकार की सफलता के लिए
हनुमान जी का वह चित्र स्थापित करें, जिसमे वह बैठे हुए आशीर्वाद दे रहे हों. इस चित्र के सामने घी के 7 दीपक जलाएं, हनुमान जी को मीठी चीज़ का भोग लगायें, उसमे तुलसी दल जरूर डालें और नियमित रूप से इस चित्र का दर्शन करके ही दिन की शुरुआत करें.
हनुमान जी के शरीर के सिंदूर का क्या विशेष प्रयोग है?
हनुमान जी के शरीर का सिन्दूर लगाने से दुर्घटनाओं से रक्षा होती है. इसको महत्वपूर्ण काम में लगाकर जाने से काम बन जाता है. इस सिन्दूर से स्वस्तिक बनाकर अपने पास रखने से करियर की बाधा दूर होती है.