नई हिंदू आचार संहिता (Hindu code of conduct) बनकर तैयार है. प्रयागराज महाकुंभ 2025 (Prayagraj Maha Kumbh 2025) में इस संहिता को जारी किया जाएगा. काशी विद्वत परिषद ने यह आचार संहिता तैयार की है. इसमें हिंदुओं के लिए पूजा-पाठ के नियम और ज्यादातर रीति-रिवाजों में बदलाव की संभावना है. महाकुंभ में इस पर मुहर लगने के बाद इसे औपचारिक रूप से जारी कर दिया जाएगा. नई हिंदू आचार संहिता का मकसद बदलते वक्त के साथ हिंदू संस्कृति के नियमों में कुछ बदलाव के साथ इसकी जड़ों से जुड़ाव कायम रखना है.
70 विद्वानों की टीम ने तैयार किया
बताया जा रहा है कि काशी विद्वत परिषद के निर्देशन में 50 से अधिक विद्वानों की एक टीम इस हिंदू आचार संहिता को बनाने पर काम कर रही थी. इसे बनाने में श्रीमद्भगवदगीता, रामायण, महाभारत, पुराण, मनु स्मृति, पाराशर स्मृति, देवल स्मृति की भी मदद ली गई है. अब 351 साल बाद आचार संहिता तैयार हो गई है. आचार संहिता को तैयार करने में करीब 4 साल का समय लगा और इसे 70 विद्वानों की टीम ने मिलकर तैयार किया है.
महिलाएं कर सकेंगी यज्ञ
हिंदू आचार संहिता में पूजा-पाठ, अनुष्ठान, विवाह, मंदिर जाना और मंदिर में बैठने के नियम बनाए गए हैं. आचार संहिता में महिलाओं को भी वेदों के अध्ययन और यज्ञ करने की अनुमति दी गई है. लेकिन इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. इसमें हिंदू विवाह रात के बजाय दिन में करने की सलाह भी दी गई है.
इस संहिता में यह भी कहा गया है कि ऐसे अनुष्ठान जिनका पश्चिमीकरण किया जा रहा है जैसे बर्थडे सेलिब्रेशन आदि, उन्हें भारतीय परंपरा में किया जाना चाहिए. पोदाश अनुष्ठानों को भी सरल बनाया गया है. मतलब किसी की मृत्यु के बाद जो भोज खिलाया जाता उसकी न्यूनतम संख्या 16 रखी गई है. महाकुंभ में हिंदू आचार संहिता पर अंतिम मुहर शंकराचार्य और महामंडलेश्वर लगाएंगे. इसके बाद इसे देशभर में वितरित किया जाएगा. पहले चरण में करीब 1 लाख कॉपियां बांटी जाएंगी.