scorecardresearch

Hindu-Muslim Unity in Hooghly: हुगली में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल, एक साथ मिलकर टेकते हैं मस्जिदों और मजारों में मत्था, मांगते हैं अमन-चैन की दुआ

हमारे देश में कुछ नेता अपने वोट बैंक बढ़ाने के लिए जहां हिंदू-मुस्लमानों को आपस में लड़वाने की कोशिश करते हैं, वहीं पश्चिम बंगाल के हुगली स्थित चांपदानी और भद्रेश्वर में सांप्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल हमें देखने को मिलती है. यहां हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलकर मस्जिदों और मजारों में मत्था टेकते हैं. 

Hindu-Muslim Unity in Hooghly Hindu-Muslim Unity in Hooghly
हाइलाइट्स
  • हुगली के चांपदानी और भद्रेश्वर इलाके में हिंदू करते हैं मस्जिदों की सुरक्षा

  • मस्जिदों और मजारों में एक साथ टेकते हैं मत्था

पश्चिम बंगाल के हुगली में सांप्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल कायम हैं. यहां मस्जिदों और मजारों के निर्माण, सुरक्षा और उनके रखरखाव में सहयोग हिंदू कर रहे हैं. वर्षों से चली आ रही परंपरा के तहत यहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ मिलकर मस्जिदों व मजारों में मत्था टेकते हैं और अमन-चैन की दुआ मांगते हैं.

अग्रणी भूमिका निभा रहे हिंदू 
हुगली के चांपदानी और भद्रेश्वर इलाके में धार्मिक संकीर्णताओं को भूलाकर मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के धार्मिक स्थलों मस्जिदों और पीर साहब के मजारों के निर्माण से लेकर उसके रखरखाव और सुरक्षा में अग्रणी भूमिका हिंदू निभा रहे हैं. एक-दूसरे के पर्व और त्योहारों में साथ मिलकर खुशियां बाटते हैं. 

मजार की करते हैं देखभाल
भद्रेश्वर के पालपाड़ा के दास परिवार तकरीबन 60 सालों से सैयद शाह पीर बाबा के मजार की देखभाल करने का जिम्मा अपने कंधों पर उठा रखा है. दास परिवार के वंशज बताते हैं कि 120 वर्ष पहले किसी मुस्लिम व्यक्ति से उनके पूर्वज माधव चंद्र दास ने जमीन खरीदी थी. यहां पर पीर बाबा का मजार था लेकिन उनके पूर्वजों ने उसे पीर बाबा के मजार को वहां से नहीं हटाया और बड़े श्रद्धा और निष्ठा के साथ आज भी वे लोग पीर बाबा के मजार में नियमित तौर पर रीति-तिथि को मानकर सारी औपचारिकताओं को निभाते हैं.

सम्बंधित ख़बरें

मांगने आते हैं मन्नत और दुआएं 
मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के त्योहारों के समय यहां मुस्लिम संप्रदाय के लोग आकर पीर बाबा के मजार पर मत्था टेकते हैं. इसके अलावा हिंदू संप्रदाय के लोग भी यहां पर मन्नत और दुआएं मांगने आते हैं. ऐसी ही कहानी है भद्रेश्वर के दूसरे मजार मानिक शाह पीर बाबा का मजार की. 

तन-मन और धन से दिया है सहयोग 
हुगली के चांपदानी में निर्माणाधीन तक ताजुसरिया मस्जिद से लेकर इलाके के पुराने मस्जिदों अकलू मिस्त्री मस्जिद और डलहौजी मस्जिद के साथ-साथ विभिन्न मजारों के निर्माण में हिंदुओं ने बढ़ चढ़कर अपना तन-मन और धन से सहयोग दिया है. इन मस्जिद कमेटियों के नुमाइंदे बताते हैं कि उनके इलाके में मस्जिदों के निर्माण में हिंदुओं का योगदान काफी महत्वपूर्ण और अतुलनीय रहा है. विशेषकर चांपदानी नगरपालिका के चेयरमैन सुरेश मिश्रा एक हिंदू होते हुए भी धार्मिक भेदभाव को भूलकर उनके धार्मिक स्थलों को बनवाने में हर संभव मदद किया है. उनके अनुसार हिंदू बहुल इलाके में मुसलमानों के कई धर्म स्थान अवस्थित होने के बावजूद कभी भी उन पर आंच नहीं आई है.

गंगा-जमुनी तहजीब में रखते हैं विश्वास 
चांपदानी नगरपालिका के चेयरमैन सुरेश मिश्रा बताते हैं कि उनका शहर हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द एकता और भाईचारे का प्रतीक है. यहां के लोग गंगा-जमुनी तहजीब में विश्वास रखते हैं. रमजान के महीने में रामनवमी कमेटी के लोग इफ्तार का आयोजन करते हैं और होली दुर्गा पूजा दीपावली के अलावा हिंदुओं के अन्य त्यौहार में मुस्लिम धर्मवालंबी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते. एक-दूसरे के त्योहारों में कंधे से कंधा मिलाकर खुशियों में शरीक होते हैं.

(भोला साहा की रिपोर्ट)