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Hajj 2024: जानें कैसे करें हज के लिए आवेदन और क्या है नियम और कानून?

गुरुनार को चांद दिखने के बाद इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने का आगाज़ हो चुका है. बता दें कि इस महीने में हज की जाती है. 40 दिन की हज यात्रा को यात्री ईद-अल-अज़हा मनाने के बाद वापस लौटते है. जानिए इस खबर में हज से जुड़ी शर्तें.

Kaaba (AP Photo/Amr Nabil) Kaaba (AP Photo/Amr Nabil)
हाइलाइट्स
  • इस्लामिक कैेलेंडर के अंतिम माह का दिखा चांद

  • इस्लाम के 5 स्तंभों में हज भी है शामिल

  • धू अल-हिज्जा माह में होती है हज

गुरुवार, 14 जून की शाम को चांद दिखने के बाद इस्लामी कैलेंडर के अंतिम माह, धू अल-हिज्जा के शुरू होने की घोषणा की गई. धू अल-हिज्जा इस्लामी कैलेंडर का आखिरी महीना है और इसमें हज पूरी की जाती है. बता दें कि हज इस्लाम के पांच स्तंभ में से एक है. इन पांच स्तंभ के अनुसार एक मुसलमान को नमाज़ पढ़ना भी जरूरी है. हज को लेकर कहा जाता है कि हज प्रत्येक मुसलमान को अपनी ज़िदगी में कम से कम एक बार जरूर करनी चाहिए. लेकिन हज करने की प्रक्रिया क्या है और किस तरह से की जाती है, आइए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

क्या होती है हज?
इस्लाम के पांच स्तंभ की बात करें तो इनमें तौहीद, नमाज़ पढ़ना, ज़कात देना, रोज़ा रखना और हज करना शामिल है. हज के अलावा बाकी चार चीजों को एक आम मुसलमान अपने घर पर रह कर कर सकता है. लेकिन जब बात हज की हो तो इसके लिए सऊदी अरब का रुख करना ही पड़ता है. हज, एक अरबी शब्द है, जिसको सरल भाषा में समझें तो इसका मतलब है कि किसी जगह के लिए इरादा करके निकलना. हज को कोई मुसलमान घर पर नहीं सकता क्योंकि हज करने के लिए सऊदी अरब जाने की जरूरत है, क्योंकि काबा वहीं पर मौजूद है, और हज में काबे की परिक्रमा करना अहम है.

क्या हैं हज करने के लिए शर्तें?
हज करने की सबसे पहली शर्त है आपका मुसलमान होना. इसके अलावा महिलाओं के लिए शरिया के कुछ नियम बनाए गए हैं जिनको मानना पड़ता है. साथ ही हज पर जाने के लिए फ्लाइट के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है. इन सब नियमों के बारे में आपको हज के दौरान आवेदन करते समय अवगत करा दिया जाता है. साथ ही आपका लीडर भी इस बात का ध्यान रखता है कि आप नियमों का पालन करें. बता दें कि हज करने के लिए न्यूनतम 12 वर्ष की उम्र होना जरूरी है.

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कहां करें हज के लिए आवेदन?
हज करने के लिए हज कमिटी में आवेदन करने की जरूरत होती है. आवेदन के दौरान पासपोर्ट साइज़ फोटो, कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और पासपोर्ट की जरूरत होती है. हज, हज कमिटी के लीडर द्वारा कराई जाती है या फिर प्राइवेट तौर पर भी इसको किया जा सकता है. लेकिन प्राइवेट तरीके से करने पर खर्च करीबन 5 लाख रुपए आता है. 

कितना आता है हज में खर्च?
हज करने के लिए भारतीय करंसी में करीब 3-4 लाख रुपए का खर्च आता है. जानकारी के लिए बता दें कि जो लोग हज करने जाते हैं वह अपना कफन का कपड़ा साथ लेकर जाते हैं. इसकी वजह यह है कि अगर किसी कारण हज के दौरान किसी की मौत हो जाती है, तो इसी कपड़े का इस्तेमाल किया उसके दफन में किया जाता है. अगर कोई सकुशल घर वापस आ जाता है और बाद में जब भी उनकी मृत्यु होती है, तो उन्हें इसी कपड़े में दफन किया जाता है.जो लोग हज करके लौटते हैं वह अपने साथ ज़म-ज़म पानी लेकर आते हैं. जिस तरह हिंदू धर्म में गंगाजल की महत्वता है, उसी तरह इस्लाम में ज़म-ज़म पानी की है. लेकिन इसकी भी एक निर्धारित मात्रा को ही आप अपने साथ लेकर आ सकते हैं. इसके लिए भी कुछ नियमों को तय किया गया है. 

क्या मकसद है हज का?
हज सबसे पहले तो इस्माल के पांच स्तंभ में से एक है. साथ ही हज पर जाने वाले लोग अपना ज्यादा से ज्यादा समय इबादत में बिताते हैं. वह ज्यादा से ज्यादा नमाज़ पढ़ते हैं, रोज़े रख रखते हैं, कुरान की तिलावत (पढ़ना) करते हैं. हज पर जाने वाले लोग अपना अधिकांश समय खुदा को याद करने में बिताते हैं. बता दें कि हज सबसे पहली बार पैंगबर मोहम्मद ने की थी. जब वह मदीना से मक्का अपने 1400 साथियों के साथ पहुंचे थे.

कितने दिन की होती है हज यात्रा?
हज यात्रा आमतौर पर 40 दिन की होती है. इसमें शुरुआती 10 दिन मदीना शहर में बिताने होते है. इसके बाद अलग-अलग दिन कई परंपराओं को निभाया जाता है. मदीना में समय बिताने के बाद वह कई पहाड़ी इलाकों में जाते हैं. साथ ही शैतान (एक दीवार) पर कंकड़ियां मारते है. इसके अलावा वह ईद-उल-अज़हा पर जानवर की कुर्बानी भी वहीं देकर वापस लौटते है. हज के दौरान काबा की महत्वता बहुत होती है और काबा मक्का शहर में मौजूद है. जब हज यात्री काबा पहुंचते हैं तो वह इसकी घड़ी की विपरीत दिशा में 7 चक्कर लगाते है. चक्कर लगाने की इस प्रक्रिया को तवाफ कहते हैं. साथ ही काबा में एक काले रंग का पत्थर है, इसे चूमते हैं.

कैसा होता है पहनावा और रहन-सहन?
हज यात्रियों को हज के दौरान इहराम पहनना होता है, जो कि एक सफेद कपड़ा होता है. जिसमें सिलाई नहीं की गई होती है. यह पुरुषों और महिलाओं को उनका सतर ढकने के काम आता है. इस्माल में सतर का मतलब होता है शरीर है वह हिस्सा जो हमेशा ढका हुआ होना चाहिए. पुरुषों के मामले में सतर नाभी से लेकर पैरों के टखने के ऊपर तक का हिस्सा होता है. महिलाओं के मामलों में सतर में चेहरे और हथेली के अलावा बाकी शरीर को ढकना होता है. इसके अलावा लोग हज के दौरान 40 दिन तक अपने नाखून या बालों नहीं काट सकते.

कितनी बार की जा सकती है हज?
हज एक मुसलमाल को ज़िंदगी में एक बार करनी जरूरी है, हालांकि कई लोग इसे अनेक बार कर लेते है. तो कुछ ऐसे भी है जो उमराह पर जाते है. उमराह एक तरह की मक्का की यात्रा ही है लेकिन यह 40 दिन का नहीं होता.
 

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