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Ayodhya Ramlala: 5 साल के भोले बालक से दिखेंगे अयोध्या के रामलला, कर्नाटक से आए स्पेशल पत्थरों से होगा निर्माण

अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण का काम बहुत तेजी से चल रहा है. इसी के साथ ही रामलला की मूर्ति बनाने के लिए कई राज्यों से पत्थर मंगावए गए हैं. ट्रस्ट के सूत्रों की मानें तो कर्नाटक से आया शिलाखंड रामलला की मूर्ति के लिए सबसे उपयुक्त पाया गया है. जिससे

5 साल के भोले बालक से दिखेंगे अयोध्या के रामलला, कर्नाटक से आए स्पेशल पत्थरों से होगा निर्माण 5 साल के भोले बालक से दिखेंगे अयोध्या के रामलला, कर्नाटक से आए स्पेशल पत्थरों से होगा निर्माण
हाइलाइट्स
  • 5 साल के बालक की होगी मूर्ति

  • अरुण योगीराज करेंगे मूर्ति का निर्माण

कर्नाटक उड़ीसा और नेपाल से कई शिलाखंड अयोध्या पहुंची हैं. इन्ही शिला खंडों से श्री राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियां बनाई जानी है. इनमे गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति भी शामिल है. ट्रस्ट के सूत्रों की मानें तो कर्नाटक से आया शिलाखंड रामलला की मूर्ति के लिए सबसे उपयुक्त पाया गया है. इसलिए जैसे ही इसकी चर्चा बाहर आई कर्नाटक से बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या आकार उन शिला खंडों के दर्शन पूजन कर हर्ष जता रहे है. मूर्ति का निर्माण कार्य मई माह से शुरू होगा. 

5 साल के बालक की होगी मूर्ति
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की जिस मूर्ति की स्थापना होनी है उसकी ऊंचाई 52 इंच होगी. जबकि संरचना 5 वर्षीय बालक की होगी जिस के बाएं कंधे पर धनुष होगा. बालस्वरूप की यह मूर्ति खड़े हुए रामलला की होगी. जबकि किन शिलाखंडों से इसका निर्माण होगा इसके लिए मूर्तिकला विशेषज्ञ लगातार टेस्टिंग कर रहे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट सूत्रों की मानें तो कर्नाटक से आए शिलाखंड रामलला की मूर्ति बनाने के लिए सबसे उपयुक्त पाए गए हैं. 

अरुण योगीराज करेंगे मूर्ति का निर्माण
कर्नाटक के ही रहने वाले और देश के जाने-माने मूर्तिकला विशेषज्ञ अरुण योगीराज रामलला की मूर्ति का निर्माण करेंगे. योगीराज केदारनाथ में आदि शंकराचार्य और दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 28 फीट ऊंची नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाकर चर्चा में रह चुके है.

वही जैसे ही कर्नाटक के श्याम वर्ण पत्थरों से रामलला की मूर्ति बनने की खबर बाहर आई. वैसे ही बड़ी संख्या में वहां से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचकर उन शिला खंडों का दर्शन पूजन करने लगे जो कर्नाटक से आए हैं. कर्नाटक के श्रद्धालु इस खबर से इतने खुश हैं कि कहते हैं इस खुशी को वह व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं.

(बनबीर सिंह की रिपोर्ट)