
किन्नर अखाड़े की दो किन्नर बहुत चर्चा में है. एक महामंडलेश्वर है तो दूसरी साध्वी है. सबसे बड़ी बात महामंडलेश्वर फुली एजुकेटेड है, और आईटी के क्षेत्र में जॉब भी कर चुकी है, तो वहीं दूसरी साध्वी ग्रेजुएट है, और इलेक्शन कमिशन की आइकॉन है. यह साध्वी डॉक्टर या साइंटिस्ट बनना चाहती थी लेकिन लिंग भेद के चलते यह अपना मिशन पूरा नहीं कर सकी.
कौन हैं इंदु नन्द गिरी
इंदु नन्द गिरी महामंडलेश्वर दिल्ली की रहने वाली है. अपना परिवार है, इन्होंने 12वीं पास होने के बाद ग्रेजुएशन किया, फिर IT कोर्स किया है फिर IT फील्ड में जॉब किया. मेकअप आर्ट कोर्स भी किया है. लेकिन शुरू से ही इनका लगाव सनातन धर्म से रहा है और पूजा पाठ भगवान में आस्था रखती थी , इसलिए इन्होंने IT फील्ड छोड़कर किन्नर अखड़े में शामिल हो गई, अभी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर है, अब सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रही है.
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर इंदु नंद गिरी कहती है हर किन्नर दर्द झेलकर आता है. किन्नर के जीवन में दर्द बचपन से ही शुरु हो जाता है. और बचपन से ही दर्द से गुजरना हो जाता है, जैसे ही वह बड़ा होते जाता है आसपास के समाज के तने, और आसपास की पड़ोस का डर सताता रहता है. जब किन्नर स्कूल भी जाता है स्कूल में भी उसके साथ खराब व्यवहार किया जाता है.
कौन है किन्नर अखाड़े की साध्वी
दिल्ली से आई देवयानी मुखर्जी, जो किन्नर अखाड़े की साध्वी है, इनका कहना है कि हर किन्नर के जीवन में दर्द है. उससे होकर मैं भी गुजरी हूं. देवयानी मुखर्जी किन्नर अखाड़े की साध्वी है, और जल्दी महामंडलेश्वर बन सकती है, साध्वी देवयानी मुखर्जी 12वी पास करने के बाद ग्रेजुएशन किया, यह साइंटिस्ट के साथ डॉ बनना चाहती थी, लेकिन लिंग भेद की वजह से आगे की पढ़ाई नहीं कर सकी.
साध्वी नई दिल्ली की इलेक्शन कमिशन की आइकॉन है. इन्होंने मॉडलिंग किया है, ट्रांस इंडिया 2019 की मिस टेलेंटेड भी रही है. कई शो कर चुकी है, यही नहीं कई जगह गेस्ट बनाई गई है, अब ये कहती है जो सम्मान बचपन में नहीं मिला वह अब मिल रहा है.