गोरखपुर का गीता प्रेस दुनिया को अलौकिक ज्ञान से रूबरू करा रहा है. गीता प्रेस में छपी धार्मिक पुस्तकें भले ही मामूली कीमत पर मिलती हैं, पर ये एक अलग पहचान रखती हैं, और ये किसी से भी छिपी नहीं है.
नेपाली भाषा में किताब छापेगा गीता प्रेस
गीता प्रेस में सिर्फ हिंदी की धार्मिक पुस्तकें नहीं छपतीं, बल्कि दूसरी भारतीय भाषाओं में भी किताबें छप कर देश के कोने कोने तक पहुंचती हैं. लेकिन अब इसमें नया प्रयोग हो रहा है, जो इसका अंतरराष्ट्रीय संस्करण माना जाएगा. जी हां गीता प्रेस अब नेपाली भाषा में किताब छापने की तैयारी कर रहा है.
करीबी है भारत-नेपाल का रिश्ता
वैसे भारत और नेपाल का रिश्ता कितना करीबी है. ये बताने की जरूरत नहीं है. पूर्वी उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो नेपाल और गोरखपुर का रिश्ता गोरखनाथ मंदिर की वजह से विशेष महत्व रखता है. नेपाल के तमाम लोग यहां गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन करने आते हैं. ऐसे में यहां आने वाले नेपाल के लोगों को भारत का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बताने के लिए. श्रीमद्भागवत पुराण को नेपाली भाषा में छापने की तैयारी है.
पहली बार छप रही है श्रीमद्भागवत पुराण
हालांकि ये पहली बार नहीं होगा. इससे पहले 50 धार्मिक किताबें नेपाली भाषा में छापी जा चुकी हैं, लेकिन श्रीमद्भागवत पुराण पहली बार छापा जाएगा. पुस्तक का नेपाली भाषा में अनुवाद शिव गोपाल रिशाल ने किया है. मुखपृष्ठ पर छपने वाली तस्वीर का प्रिंट भी सर्वसम्मति से तैयार कर लिया गया है. अप्रैल महीने में चैत्र रामनवमी से इसका प्रकाशन शुरू हो जाएगा.