June Month Festival 2024: हिंदू धर्म में हिंदी के सभी 12 महीनों चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन का अलग-अलग महत्व बताया गया है. हिंदी कैलेंडर में चैत्र साल का पहला और फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है. अभी वैशाख का महीना चल रहा है.
बस कुछ दिनों में हिंदी का तीसरा महीना ज्येष्ठ शुरू होने वाला है. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ महीने का विशेष महत्व है. इस महीने कई पर्व-त्योहार आते हैं. वट सावित्री से लेकर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ महीने की शुरुआत 24 मई 2024 से होगी और इसका समापन 23 जून 2024 को होगा.
प्रभु राम मिले थे हनुमान जी से
धार्मिक मान्यता है कि प्रभु राम ज्येष्ठ महीने के पहले मंगलवार के दिन हनुमान जी से मिले थे. इसलिए इस महीने में पड़ने वाले हर मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल कहा जाता है. इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं. घर में सुख-समृद्धि आती है.
ज्येष्ठ माह के स्वामी मंगल ग्रह है. यह माह भगवान विष्णु और बजरंगबली का प्रिय महीना है. मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में ही न्याय के देवता शनि देव का जन्म हुआ था, इसलिए इस माह में उनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन भगवान शनि देव का जन्म हुआ था.
ज्येष्ठ माह 2024 में पड़ रहे ये व्रत और त्योहार
1. 24 मई दिन शुक्रवार: नारद जयंती
2. 26 मई दिन रविवार: संकष्टी चतुर्थी
3. 28 मई दिन मंगलवार: पहला बड़ा मंगल
4. 29 मई दिन बुधवार: पंचक शुरू
5. 2 जून दिन रविवार: अपरा एकादशी
6. 4 जून दिन मंगलवार): मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
7. 6 जून 2024 दिन गुरुवार: ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
8. 9 जून दिन रविवार: महाराणा प्रताप जयंती
9. 10 जून दिन सोमवार: विनायक चतुर्थी
10. 14 जून दिन शुक्रवार: धूमावती जयंती
11. 15 जून दिन शनिवार: मिथुन संक्रांति, महेश नवमी
12. 16 जून दिन रविवार: गंगा दशहरा
13. 17 जून दिन सोमवार: गायत्री जयंती
14. 18 जून दिन मंगलवार: निर्जला एकादशी
15. 19 जून दिन बुधवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल)
16. 22 जून दिन शनिवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, वट पूर्णिमा व्रत, कबीरदास जयंती
ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या नहीं
1. ज्येष्ठ में गर्मी बहुत पड़ती है. इस माह में पशु-पक्षियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था करें.
2. ज्येष्ठ माह में दान और पुण्य करने विशेष फल की प्राप्ति होती है.देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
3. इस महीने तांबा और तिल का दान करें. धार्मिक मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से मंगल दोष से छुटकारा मिलता है.
4. ज्येष्ठ माह में हमें सत्तू का सेवन करना चाहिए.
5. ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव की पूजा का खास महत्व है. रोजाना सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
6. ज्येष्ठ महीने में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. कहते हैं इससे संतान के जीवन पर गलत प्रभाव पड़ता है.
7. ज्येष्ठ माह में अपने संतान का विवाह नहीं करना चाहिए.
8. ज्येष्ठ माह में दिन में नहीं सोना चाहिए.यदि आप ऐसा करते हैं तो बीमारी के शिकार हो सकते हैं.
9. इस महीने तली और भुनी हुई चीजों को नहीं खाएं.