हिन्दू कैलेंडर में ज्येष्ठ का महीना तीसरा महिना है. इस महीने में सूर्य अत्यंत ताक़तवर होता है, इसलिए गर्मी भी भयंकर होती है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. ज्येष्ठा नक्षत्र के कारण भी इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. इस महीने में धर्म का संबंध जल से जोड़ा गया है, ताकि जल का संरक्षण किया जा सके. इस मास में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है. इस बार ज्येष्ठ मास 24 मई से 22 जून तक रहेगा.
ज्येष्ठ मास का वैज्ञानिक महत्व क्या है ?
इस माह में वातावरण और शरीर में जल का स्तर गिरने लगता है. अतः जल का सही और पर्याप्त प्रयोग करना चाहिए. सन स्ट्रोक और खान पान की बीमारियों से बचाव आवश्यक है. इस माह में हरी सब्जियां , सत्तू , जल वाले फलों का प्रयोग लाभदायक होता है. इस महीने में दोपहर का विश्राम करना भी लाभदायक होता है.
कैसे पाएं वरुण देव और सूर्यदेव की कृपा
नित्य प्रातः और संभव हो तो सांय भी पौधों में जल दें. प्यासों को पानी पिलाएं. लोगों को जल पिलाने की व्यवस्था करें. जल की बर्बादी न करें, घड़े सहित जल और पंखों का दान करें. नित्य प्रातः और सायं सूर्य मंत्र का जाप करें. अगर सूर्य संबंधी समस्या है तो ज्येष्ठ के हर रविवार को उपवास रखें.
ज्येष्ठ के मंगलवार की क्या महिमा है ?
ज्येष्ठ के मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन हनुमान जी को तुलसी दल की माला अर्पित की जाती है. साथ ही हलवा पूरी या मीठी चीज़ों का भोग भी लगाया जाता है. इसके बाद उनकी स्तुति करें. निर्धनों में हलवा पूरी और जल का वितरण करें. ऐसा करने से मंगल संबंधी हर समस्या का निदान हो जाएगा.
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले व्रत और त्यौहार की लिस्ट
24 मई, (शुक्रवार)-ज्येष्ठ मास आरंभ
26 मई, (रविवार)-एकदंत संकष्टी चतुर्थी
30 मई, (गुरुवार)-कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
1 जून , (शनिवार)-हनुमान जयंती (तेलुगु)
2 जून, (रविवार)-अपरा एकादशी
4 जून, (मंगलवार) मासिक शिवरात्रि प्रदोष व्रत (कृष्ण)
6 जून, (गुरुवार)-शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत
10 जून, (सोमवार)-विनायक चतुर्थी
11 जून, (मंगलवार)-स्कंद षष्ठी
14 जून, (शुक्रवार)-धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
15 जून, (शनिवार)-मिथुन संक्रांति, महेश नवमी
16 जून, (रविवार)-गंगा दशहरा
17 जून, (सोमवार)-गायत्री जयंती
18 जून, (मंगलवार)-निर्जला एकादशी
19 जून, (बुधवार)-प्रदोष व्रत
21 जून, (शुक्रवार)-वट सावित्री व्रत (पूर्णिमा)
22 जून, (शनिवार)-कबीर दास जयंती