
उत्तर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में शामिल करौली स्थित कैला देवी का प्रसिद्ध लख्खी मेला 26 मार्च से शुरू होने जा रहा है. चैत्र नवरात्रि के अवसर पर हर साल लगने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस बार भी देशभर से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो चुका है. चैत्र नवरात्रि घट स्थापना 30 मार्च को होनी है. वहीं अष्टमी पूजन 5 अप्रैल और मेला समापन 11 अप्रैल को होना है.
मेला प्रशासन की तैयारियां
कैला देवी मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने मेले को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा उपलब्ध कराने के लिए 350 से अधिक रोडवेज बसें चलाई जाएंगी, जबकि 1000 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे.
मंदिर ट्रस्ट के व्यवस्थापक विवेक द्विवेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्हीलचेयर, रैंप, 25 जल मंदिर और 50 से अधिक स्काउट गाइड की व्यवस्था की गई है. साथ ही, मेले को पॉलीथिन मुक्त रखने का भी संकल्प लिया गया है, जिसके लिए दुकानदारों और श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की गई है.
स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था
स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था की बात करें, तो 24 घंटे चिकित्सक और दो एंबुलेंस मंदिर परिसर में उपलब्ध रहेंगे. 200 से अधिक सफाई कर्मी मेले की सफाई व्यवस्था देखेंगे. 160 से अधिक शौचालय बनाए गए हैं. 305 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी. घाटों पर स्नानागार, कपड़े बदलने के लिए रूम, दो नाव और 12 गोताखोरों की विशेष व्यवस्था की गई है.
भक्तों के लिए विशेष सुविधाएं
गर्मी को देखते हुए मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रेलिंग में पंखे और कूलर लगाए गए हैं. साथ ही, श्रद्धालुओं पर गंगाजल और केवड़ा मिश्रित चरणामृत का छिड़काव भी किया जाएगा. मंदिर ट्रस्ट प्रशासक संतोष सिंह ने बताया कि इस बार मेले में श्रद्धालुओं की सही गणना के लिए ऑटोमेटिक काउंटिंग मशीन लगाई गई है. वहीं, विश्राम स्थल और छोटे बच्चों के लिए दुग्धपान केंद्र भी बनाए गए हैं.
श्रद्धालुओं की आस्था और परंपरा
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से हर साल लगभग 10 लाख श्रद्धालु पैदल यात्रा कर माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं और मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु माता के दरबार में आता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता. मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से मेला व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
(गोपाल लाल माली की रिपोर्ट)