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Kailash Mansarovar Yatra 2025: भोले बाबा के भक्तों के लिए खुशखबरी! 5 साल बाद शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, इस दिन पहला जत्था होगा रवाना

Kailash Mansarovar Yatra: पांच सालों के बाद इस वर्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ दिल्ली से 30 जून को होगा. आइए जानते हैं यात्रा का क्या रहेगा रूट और एक जत्थे में कितने श्रद्धालु शामिल होंगे.

Kailash Mansarovar Yatra Kailash Mansarovar Yatra
हाइलाइट्स
  • 30 जून से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा

  • राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से शुरू होगी यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) का इंतजार कर रहे भोले बाबा के भक्तों के लिए खुशखबरी है. पांच सालों के बाद इस वर्ष यह यात्रा शुरू होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की पहल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रयासों से इस यात्रा का फिर से संचालन शुरू हो रहा है. आपको मालूम हो कि साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित कर दी गई थी.

दिल्ली से शुरू होगी यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा भारतीय विदेश मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार के तत्वाधान में आयोजित की जाएगी. इस यात्रा को लेकर गत सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में बैठक की गई. इसमें इस यात्रा के संचालन का जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम को सौंपा गया. कैलाश मानसरोवर यात्रा दिल्ली से शुरू होकर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित लिपुलेख पास मार्ग से संचालित की जाएगी. पहले यह यात्रा काठगोदाम, अल्मोड़ा होते हुए आगे बढ़ती थी. अब यह टनकपुर से चंपावत होते हुए आगे बढ़ेगी.

कुल इतने श्रद्धालु करेंगे कैलाश मानसरोवर की यात्रा 
कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ दिल्ली से 30 जून 2025 को होगा. इस यात्रा में कुल 250 श्रद्धालु शामिल होंगे. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 50-50 श्रद्धालुओं के कुल पांच दल बनाए गए हैं. कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल दलों का पहला जत्था 10 जुलाई 2025 को लिपुलेख दर्रे से होते हुए चीन में प्रवेश करेगा जबकि अंतिम जत्था 22 अगस्त 2025 को चीन से भारत के लिए प्रस्थान करेगा. कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की सेहत की जांच पहले दिल्ली में और उसके बाद पिथौरागढ़ के गुंजी में किया जाएगा. स्वास्थ्य परीक्षण में सबकुछ ठीकठाक मिलने के बाद ही श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आगे भेजा जाएगा.

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कुल 22 दिनों की है यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल हर जत्था दिल्ली से प्रस्थान कर उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर में एक रात, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में एक रात, गुंजी में दो रात और नाभीढांग में दो रात रुकने के बाद चीन के तकलाकोट में प्रवेश करेगा. चीन से वापसी पर ये जत्था पिथौरागढ़ जिले के बूंदी, चौकड़ी व अल्मोड़ा में एक-एक रात रुकने के बाद दिल्ली पहुंचेगा. इस प्रकार हर जत्था में शामिल श्रद्धालु कुल 22 दिनों की यात्रा करेंगे.

कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का है धार्मिक महत्व
चीन के नियंत्रण वाले तिब्बत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील स्थित है. कैलाश पर्वत हिमालय की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है. कैलाश पर्वत न सिर्फ हिंदू बल्कि बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी आस्था का केंद्र है. हिंदुओं की मान्यता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का वास स्थल है और उसकी परिक्रमा करने और मानसरोवर झील में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि मानसरोवर झील को ब्रह्मा जी ने बनाया था.