चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी व्रत रखा जाता है. इस साल 1 अप्रैल और 2 अप्रैल दो दिन पड़ रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि किस दिन व्रत रखना सबसे अच्छा होगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक एक अप्रैल को सुबह 1 बजकर 58 मिनट से एकादशी शुरू होगी और 2 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में एक अप्रैल को व्रत रखना सबसे उत्तम होगा.
कामदा एकादशी पूजा विधि-
कामदा एकादशी व्रत का बड़ा ही महत्व है. लेकिन अगर किसी कारण आप एकादशी का व्रत ना कर पाएं तो भी आपको एकादशी के व्रत का पुण्य मिल सकता है. कामदा एकादशी पर्व पूजा-उपासना का अलग विधान है. सही विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. चलिए आपको पूजा विधि के बारे में बताते हैं.
वासुदेव श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए कामदा एकादशी का व्रत परम फलदायी है. हरि कृपा का ये दिन बड़ा ही दिव्य है विधि विधान और सच्चे मन से इस दिन किये गये उपाय हर समस्या का समाधान कर देते हैं. कामदा एकादशी का व्रत पाप नाश के लिए सबसे उत्तम है.
पाप नाश के लिए क्या उपाय करें-
अगर जाने-अनजाने में कोई पा हो गया है तो कामदा एकादशी पर पाप का नाश होता है. इए जानते हैं कि इस कामदा एकादशी पर कैसे करें पाप नाश के उपाय...
आर्थिक लाभ के लिए उपाय-
अगर आपके जीवन में धन से जुड़ी समस्या है. तो भी कामदा एकादशी का व्रत आपके लिए उत्तम फलदायी हो सकता है. तो आइए जानते हैं कि इस एकादशी आर्थिक लाभ के लिए कैसे करें कान्हा की उपासना.
एकादशी व्रत से मिलेगा संतान का वरदान-
कहते हैं सच्चे मन से ईश्वर की उपासना करने से हर समस्या का समाधान मिल सकता है. अगर आपकी संतान प्राप्ति की कामना अभी तक अधूरी है तो कामदा एकादशी का व्रत करना आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है.
कामदा एकादशी का महत्व-
शास्त्रों के अनुसार कामदा एकादशी व्रत के प्रभाव से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन जो भी जातक श्रद्धा के साथ व्रत रखता है. उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मान्यता है कि जो इंसान इस व्रत को पूरी विधि से कर लेता है.
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