22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है. इसके साथ ही कांवड़ यात्रा की भी शुरुआत होगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने मोहर्रम के साथ-साथ कांवड़ यात्रा को लेकर भी विशेष निर्देश जारी किए हैं. कांवड़ यात्रा को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर खास निगरानी रखी जा रही है. बिना किसी बाधा के कांवड़ यात्रा सकुशल पूरी हो इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और उत्तराखंड पुलिस के अफसर के बीच समन्वय बैठक हो चुकी है.
शासन की तरफ से जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन सड़क, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था को ठीक कर लें. किसी भी नई परंपरा की अनुमति नहीं दी जाए. कांवड़ यात्रा के दौरान बजने वाले डीजे की आवाज निर्धारित मानक से अधिक नहीं होनी चाहिए कि यात्रा से आम लोगों को परेशानी हो. साथ ही कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली सभी दुकानों पर साफ सफाई के समुचित व्यवस्था हो.
वहीं कांवड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली मीट व शराब की दुकानों को भी शिफ्ट करने या किसी बाउंड्री के अंदर लगवाने के निर्देश दिए गए हैं, जिस पर अंतिम निर्णय जिला प्रशासन को लेना है.
हर जगह रहेगी फोर्स
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “सभी चीजें परंपरागत तरीके से की जाएंगी और कोई भी नई परंपरा नहीं शुरू होगी. इन मूल सिद्धांतों के आधार पर ही हम आगे बढते हैं. हम अपने सभी धर्मगुरुओं से संपर्क करते हैं, इस कमेटी के लोगों से संपर्क करते हैं, यही कारण है कि साल 2017 के बाद से पर्व त्योहार के दौरान किसी भी तरीके की अशांति नहीं हुई है.”
उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए भारी मात्रा में फोर्स का भी व्यवस्थापन किया गया है. सिविल पुलिस के साथ साथ करीब 65 कंपनी पीएसी तथा 8 कंपनी सीएपीएफ तैनात की गई है.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “लगभग सावन एक महीने का चलेगा, उसके लिए भी कुछ क्षेत्रों में विशेष व्यवस्थाएं कराई गई हैं. जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रोहिलखंड का रीजन, प्रयागराज का क्षेत्र, वाराणसी क्षेत्र, अयोध्या और बस्ती मंडल आदि. इसके अलावा सभी जगहों पर जो शिवालय है वहां हर सोमवार को भीड़ होती है. इस बार सावन के महीने में पांच सोमवार पड़ रहे हैं, तो वहां भी व्यवस्थाएं पूरी सजग और सतर्क रखी गई है."
सीसीटीवी ड्रोन का होगा इस्तेमाल
सीसीटीवी ड्रोन इत्यादि नए तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधा दी जा सके. जिन रास्तों से कांवड़ यात्रा गुजरे वहां किसी भी तरीके की अराजकता की संभावनाओं को हटाया जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए. सोशल मीडिया पर जिला, रेंज,व जोन स्तर पर निगरानी रखी जाएगी. किसी भी अफवाह का तत्काल खंडन किया जाएगा. प्रमुख शिवालय और कांवड़ यात्रा पर ड्रोन कैमरा से भीड़ का समय-समय पर आकलन हो सकेगा और ट्रैफिक डायवर्जन किया जाता रहेगा.
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए एसटीएफ के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में एटीएस कमांडो की दो टीम भी लगाई गई है. डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि फील्ड से लेकर सोशल मीडिया हर तरफ निगरानी रखी जा रही है. जिला स्तर से लेकर पुलिस मुख्यालय स्तर तक अफसर नजर बनाए हुए हैं.