झारखंड के बैद्यनाथ धाम यानी देवघर में कांवड़ यात्रा से पहले प्रशासन ने मुकम्मल तैयारी की है. अर्घ्य सिस्टम से श्रद्धालु पूरे सावन महीने में जल चढ़ाएंगे. श्रावणी मेला में इस बार 450 दंडाधिकारी, 35 डीएसपी और 846 पुलिस अधिकारी का डिप्लॉयमेंट किया गया है. 8000 पुलिसकर्मी भी नियुक्त किए गए हैं ताकि कांवड़ यात्रा और सावन के महीने में भक्तजनों को भी सहूलियत हो और किसी तरह की अव्यवस्था न हो.
22 जुलाई से राजकीय श्रावणी मेला प्रारंभ
विश्व प्रसिद्व द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैदनाथ, कामना लिंग देवघर में 22 जुलाई से राजकीय श्रावणी मेला प्रारंभ हो रहा है. यहां शिव के दरवार में श्रद्धालु जो भी मनोकामनाएं मांगते हैं वह पूरी होती है. यहां सावन माह में देश विदेश से 50 लाख से अधिक श्रद्धालु पैदल और सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग से आते हैं. एक माह तक चलने वाला मेला को लेकर देवघर जिला-प्रशासन अपनी तैयारियां पूरी करने में जुटे हुए हैं.
श्रद्धालुओं की सुविधा की व्यवस्था पूरा
बिहार और झारखंड दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से चलने वाला मेला में इस बार वाहट्स एप्प ग्रुप के माध्यम से 24×7 दोनों राज्य के अधिकारी जुड़े रहेंगे. दोनों के बीच कम्युनिकेशन रहेगा. श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा को लेकर छोटे व बड़े वाहनों में बनने वाले अस्थायी छत निर्माण पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है. अपने-अपने जिलों में बेहतर व सुरक्षित विद्युत व्यवस्था के साथ आपातकालीन टीम चौबीसों घंटे एक्टिव रहेगी.
सुल्तानगंज से जल भरने के पश्चात श्रद्धालुओं द्वारा जिन-जिन स्थानों से होकर पैदल यात्रा करेंगे, वहां श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए कांवरिया मार्ग में पड़ने वाले सभी जिलों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी ताकि श्रद्धालु आराम से जलार्पण कर पाएं और उन्हें किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े. किसी भी तरह के वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न पूजा पर रोक रहेगी. सभी श्रद्धालुओं के लिए समान व्यवस्था रहेगी.
शीघ्र दर्शनम कूपन के दाम में वृद्धि
सुल्तानगंज से 105 किलोमीटर की यात्रा तय कर देवघर पहुंचने वाले पैदल कावड़ यात्रा और डाक बम कावरियां के लिए शीघ्र दर्शनम और अरघा के माध्यम से जलार्पण की सुविधा उपलब्ध रहेगी. 14 साल के बाद इस वर्ष शीघ्र दर्शनम कूपन के दाम में वृद्धि की गई है. सावन माह में 500 से बढ़ाकर 600 कर दिया गया है. वहीं बाबा मंदिर प्रांगण में एक बाह्य अरघा की भी व्यवस्था उपलब्ध रहेगी.
बाबा धाम ऐप और AI से होगी निगरानी
आधुनिक सूचना तकनीकी व्हाट्स एप्प के साथ-साथ बाबाधाम मोबाइल ऐप एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अधिक से अधिक दोनों राज्यों (बिहार, झारखंड) के अधिकारियों को जोड़ा जाएगा, ताकि सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जा सके. सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान व भीड़ नियंत्रण के लिए भागलपुर, बांका के साथ आपसी समन्वय बनाकर काम किया जायेगा, ताकि उसके माध्यम से कांवरिया मार्ग के पल-पल की जानकारी का आदान-प्रदान होता रहे.
रविवार और सोमवार के दिन सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
रविवार व सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने पर कुमैठा तक जाने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में कतारबद्ध सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित व सुगमतापूर्वक जलार्पण कराने हेतु विभिन्न जगहों को चिन्हित करते हूए मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों की नियुक्ति की गई है. साथ ही सभी को निदेशित किया गया है कि सभी श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक जलार्पण कराए. साथ ही श्रद्धालुओं के आराम के लिए एवं उनके भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए टेंट सिटी व होल्डिंग पॉइंट्स का निर्माण कराया गया है. जहां उनके विश्राम के साथ-साथ शौचालय, स्नानागर, पीने का पानी, स्वास्थ्य केंद्र व साफ-सफाई आदि की समुचित व्यवस्था किया गया है.
लगभग 450 दण्डदाधिकारी, 35 पुलिस उपाधीक्षक, 846 पुलिस पदाधिकारी, 8000 पुलिस कर्मी की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा सीआरपीएफ एवं रैफ (RAF) के अधिकारी व कर्मियों की मांग की गई है जो कि जिले को जल्द जी उपलब्ध हो जाएगी. इधर सीएम हेमंत सोरेन ने भी राज्य के डीजीपी समेत अन्य आला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सावन से शुरू हो रहे पर्व त्योहारों पर पुलिस और प्रसाशन कड़ी चौकसी बरते एवं सतर्क रहे.
इनपुट- सत्यजीत कुमार और शैलेंद्र मिश्रा