कार्तिक पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर के आठवें चंद्र महीने कार्तिक के पंद्रहवें दिन आती है. यह भगवान शिव के पुत्र और युद्ध के देवता कार्तिकेय की जन्म तिथि भी है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 7 नवंबर को मनायी जा रही है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर को हराया था.
कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव पांच दिनों तक चलता है और ग्यारहवें दिन लोग व्रत रखकर प्रबोधिनी एकादशी का पालन करते हैं. कार्तिक पुर्णिमा के दिन गंगा स्नान को बहुत ज्याा महत्व है.
पवित्र स्नान या गंगा स्नान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भक्त गंगा घाट पर जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं, अनुष्ठान करते हैं और पवित्र नदी में स्नान करते हैं क्योंकि इससे जीवन के कष्टों और पापों से मुक्ति मिलती है. भक्तजन उपवास भी रखते हैं और मंदिरों में शिव भगवान के लिए विशेष पूजा का आयोजन होता है.
गंगा स्नान से लोगों की परेशानियों का अंत होता है और उन्हें नई राह मिलती है. साथ ही, गंगा स्नान से परिवार में हमेशा खुशहाली और पवित्रता बनी रहती है.
होती है भगवान विष्णु की पूजा भी
कार्तिक पूर्णिमा, प्रबोधिनी एकादशी से जुड़ी है. और प्रबोधिनी यानी देवउठनी एकादशी विष्णु भगवान और अन्य देवों के जागने का प्रतीक है. यह चतुर्मास के अंत का प्रतीक है. इन चार महीनों में भगवान विष्णु सो रहे होते हैं.
माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अपार सौभाग्य और आशीर्वाद मिलता है. अनुष्ठानों और परंपराओं का पालन करने से और पवित्र गंगा स्नान से भाग्य, सफलता, कर्म और मोक्ष मिलता है.