करवाचौथ व्रत का इंतजार हर सुहागिन महिला करती है. इस त्योहार को सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. कहा जाता है कि जो महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं उन पर भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा प्राप्त होती है.
क्या है सही तारीख?
इस साल करवाचौथ का व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर को रात्रि 1 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 14 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी. चूंकि करवाचौथ की तिथि 13 अक्टूबर को उदया तिथि से शुरू होगी इसलिए व्रत 13 अक्टूबर को ही रखा जाएगा.
पूजा मुहूर्त
करवा चौथ की पूजा के लिए कुछ खास मुहूर्त भी हैं जिसमें पूजा करना विशेष फलदायी होगा. करवा चौथ पर अमृत काल शाम 04 बजकर 08 मिनट से शाम 05 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 21 मिनट से दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगा.
कैसे करें पूजा?
व्रत के दिन सुबह उठकर, तैयार होकर भगवान के आगे खड़े होकर निर्जला व्रत का संकल्प करें. शाम के समय अच्छे से तैयार होकर पूजा की तैयारियां करें. पीली मिट्टी से मां गौरी की मूर्ति बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी को बनाकर बिठाएं. गौरी को चुनरी चढ़ाएं. बिंदी और दूसरी सुहाग की चीजों से श्रृंगार करें. इसके बाद करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें. उसके ऊपर दक्षिणा रखें. रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं. गौरी-गणेश की परंपरानुसार पूजा करें.
वहीं इस दौरान कुछ ऐसे नियम भी हैं जिनको पत्नियों को जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में खुशहाली आती है और भगवान का आशिर्वाद बना रहता है.