
यदि आप शादी-विवाह से लेकर कोई भी मांगलिक कार्य करने की सोच रहे हैं तो इसे जल्दी निपटा लीजिए. क्योंकि बस कुछ दिनों के बाद कई दिनों के लिए शुभ तिथि नहीं मिलेगी. मार्च में पहले खरमास (Kharmas) शुरू होगा, उसके बाद होलाष्टक (Holashtak) का प्रभाव रहेगा. ऐसे में शुभ कार्य लंबे समय तक वर्जित रहेंगे.
साल में 2 बार लगता है खरमास
भगवान सूर्य के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने से खरमास लगता है. यह साल में दो बार लगता है. इस साल 14 मार्च को खरमास लग रहा है, जो 13 अप्रैल 2024 तक रहेगा. 13 अप्रैल को शाम 7:45 बजे सूर्य देव मेष राशि में गोचर करेंगे, उसके साथ ही खरमास का समापन हो जाएगा. खरमास के दौरान विवाह, मुंडन, सगाई, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ कार्य करने की मनाही होती है.
खरमास में लोग नया मकान बनवाने का शुभ काम नहीं करते हैं और न ही नई दुकान का शुभारंभ करते हैं. इस समय में नए वाहन की खरीदारी भी नहीं करते हैं. खरमास के दौरान ही नवरात्रि, होली और होलाष्टक पड़ रहे हैं. इस साल 17 मार्च से होलाष्टक की शुरुआत होने जा रही. इसका समापन 24 मार्च 2024 को होगा. इस तरह से 14 मार्च लेकर 13 अप्रैल 2024 तक मांगलिक कार्य बंद रहेंगे. होलाष्टक में जप और तप करना शुभ माना जाता है. होलिका दहन वाले स्थान को गोबर और गंगाजल डालकर लिपाई होलाष्टक के दिन ही की जाती है.
इन सूर्य मंत्रों का करें जाप
1. ॐ सूर्याय नम:
2. ॐ घृणि सूर्याय नम:
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
4. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
अप्रैल में इस तारीख से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त
13 अप्रैल 2024 को खरमास समाप्त होगा. इसके बाद 17 अप्रैल से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी. अप्रैल में 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25 और 26 अप्रैल को शादी-विवाह के लिए शुभ दिन हैं. अप्रैल में गृह प्रवेश और मुंडन संस्कार के लिए कोई शुभ तिथि नहीं है.
खरमास में इन कार्यों पर लग जाती है रोक
1. खरमास लगने के बाद विवाह जैसा मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.
2. इस समय निर्मित किए गए मकान सुख नहीं देते, इसलिए गृह निर्माण भी वर्जित होता है.
3. इस समय नया व्यवसाय करना भी लाभकारी नहीं होता है.
4. जिन कार्यों को लंबे समय तक चलाना है, उनको भी इस समय रोक देना चाहिए.
5. सोना-चांदी, वाहन आदि की खरीदारी करने की मनाही होती है.
6. मुंडन-छेदन सहित 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है.
खरमास में कर सकते हैं ये कार्य
1. दान, जप-तप आदि कर सकते हैं.
2. सीमान्त, जातकर्म और अन्नप्राशन आदि कर्म पूर्व निश्चित होने से इस अवधि में किए जा सकते हैं.
3. खरमास के महीने में ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधु-संन्यासियों की सेवा करने का भी विशेष महत्व बताया गया है.
4. खरमास में तीर्थ यात्रा करना बेहद ही उत्तम माना जाता है.